इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार चक्रधरनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत टारपाली निवासी राजकुमार खडिय़ा 22 वर्ष पिता मायाराम खडिय़ा पिछले कई साल से गुडेली क्रशर में काम करता था। इस दौरान वहां सारंगढ़ क्षेत्र के लालाधुर्वा निवासी रमिली खडिय़ा भी काम करती थी। वहीं दोनों का प्रेम हुआ और दोनों ने शादी कर लिया। शादी के बाद दोनों लालाधुर्वा में ही रहने लगे। इस दौरान रमिली गर्भवती हो गई। दस दिन पहले रमिली को घर में प्रसव पीड़ा होने लगी, ऐसे में परिजन घर में ही प्रसव करवाने लगे, थोडी देर बाद ही उसकी स्थिति बिगडऩे लगी।
गड्ढे में मिली मासूम की लाश, हत्या की आशंका इसके बाद उसे इलाज के लिए सारंगढ़ अस्पताल ले जाया गया। वहां रमिली ने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन उसकी तबीयत लगतार बिगड़ती गई। इस दौरान उसे रायगढ़ जिला अस्पताल रिफर किया गया। जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई, लेकिन बच्ची स्वस्थ थी।
इस घटना से राजकुमार सदमें में रहने लगा था और उसने सदमें को बर्दाश्त नहीं कर पाया, जिससे उसने सोमवार को जहर सेवन कर लिया। जब इसकी सूचना लड़की के परिजनों को लगी तो उसे इलाज के लिए रायगढ़ जिला अस्पताल लाया गया जहां मंगलवार को सुबह उसकी मौत हो गई। वहीं परिजनों ने बताया कि मंगलवार को मृतक रमिली का दशकर्म था, तब तक राजकुमार भी दुनिया से अलविदा कह गया। अस्पताल से भेजी गई तहरीर पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। वहीं शव का पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया है। साथ मामले की जांच में पुलिस जुट गई है।
अब अकेली रह गई नवजात
नवजात के जन्म के समय ही मां का साया सिर से उठ गया था तो लोग यह सोच रहे थे कि चलो मां चली गई तो कम से कम पिता है साथ में, लेकिन मां रमिली के दसवें दिन पिता का भी साया सिर से उठ गया। अब यह नवजात इस दुनिया में अकेली रह गई है। लेकिन सबसे गंभीर बात तो यह है कि इस नवजात के माता-पिता के मरने के बाद इसका दुनिया में नाना-नानी के अलावा कोई नहीं है। जिससे उसके लालन- पालन में भी समस्या आ सकती है।
इस बात की है चिंता
वहीं लोगों का कहना है कि उसके नाना-नानी भी गरीबी के दंश झेल रहे हैं। जिससे उस बच्ची के लिए और समस्या हो गई है।