पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था इतनी चुस्त थी कि विरोधी, शहर में रैली निकाल फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली का पूतला फंूक कर प्रदर्शन किया। उसके बाद घर को निकल गए। इस बीच दर्शकों ने पहले दिन डर के बीच फिल्म पदमावत को देखने के लिए पहुंची।
फिल्म पदमावत को लेकर रायगढ़ क्षत्रिय समाज का विरोध प्रदर्शन गुरुवार को भी देखने को मिला। 25 जनवरी को फिल्म के रिलीज व सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने को लेकर क्षत्रिय समाज के लोग, शहर के रामलीला मैदान में एकत्रित हुए। उसके बाद शहर में बाइक रैली निकाल रामनिवास टॉकीज के करीब फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली का पूतला फंूक कर विरोध प्रदर्शन किया।
इस बीच करीब 2 दर्जन से अधिक क्षत्रिय समाज के लोग मौजूद थे। क्षत्रिय समाजके इस विरोध को देखते हुए रायगढ़ पुलिस ने गुरुवार की सुबह से ही तैयारी पूरी कर ली थी। शहर के गोपी टॉकी, राम निवास टॉकीज के अलावा गौरी शंकर
मंदिर रोड स्थित कारनिवल, आरके व इला मॉल में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी व जवानों को तैनात किया गया था।
जिसकी मॉनीटरिंग खुद सीएसपी सिद्धार्थ तिवारी कर रहे थे। जिसकी वजह से प्रदर्शनकारी दूर से ही फिल्म पदमावत का लेकर सिनेमा घरों के बार विरोध कर आगे बढ़ गए। इससे पुलिस ने राहत की सांस ली। वहीं दोपहर बाद सभी सिनेमाघर व मल्टीप्लेक्स में फिल्म पदमावत को दिखाया गया। पुलिस की इस चाक चौबंद व्यवस्था के बीच फिल्म देखने पहुंंचे दर्शक भी काफी सहमे हुए नजर आए। यहीं वजह रही है कि पहले दिन दर्शक की भीड़, अन्य दिन या फिर किसी फिल्म के रिलीज को लेकर होने की वाली भीड़ की तुलना में काफी कम थी।
फिल्म दिखाई पर नहीं लगाया पोस्टर
फिल्म पदमावत को लेकर सिनेमाघर व मल्टीप्लेक्सों में भी पूरी तैयारी कर रखी थी। पर विरोध प्रदर्शन के इस दौर को देखते हुए किसी ने फिल्म की पोस्टर को बाहर चस्पा नहीं किया। कहीं ना कहीं यह डर ही था। पर देर शाम बाद धीरे-धीरे दर्शकों की भीड़, सिनेमाघरों में पहुंचनी शुरु हो गई।
हर मोर्चे पर तैयारी थी पूरी
पुलिस के आला अधिकारी ने बताया कि उनकी तैयारी पूरी है। विरोध प्रदर्शन करने वाले लोग अगर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराते हुए पूतला दहन करेंगे तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है और यह सब का अधिकार है। पर उनके द्वारा अगर तोड़-फोड़ कर कानून व्यवस्था को हाल में लेने की पहल की गई तो सख्ती के साथ निपटा जाएगा।