लेकिन वर्तमान में केंद्र और राज्य की भाजपा की सरकारें सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को रोकना चाहती हैं। सत्ता हस्तांतरण की वह प्रक्रिया जो स्व. राजीवगांधी की प्रेरणा से ही सम्भव हो सका अब उसे चौपट करने की कोशिश हो रही है। ये बातें कांग्रेस भवन में आयोजित पंचायती राज के कार्यशाला के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने कही।
24 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर जिला कांग्रेस भवन में पंचायतीराज अधिनियम दिवस की 25 वीं वर्ष गांठ पर जिलास्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में पंचायतीराज व्यवस्था, उद्देश्य व क्रियान्वयन में बीते ढाई दशकों की स्थिति पर कांग्रेसी नेताओं ने अपने विचार रखे इस दौरान इन नेताओं के निशाने पर केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ही रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीवगांधी के छायाचित्र पर द्वीप प्रज्वलन व पुष्प समर्पित कर राष्ट्रगीत के साथ किया गया। स्वागत भाषण प्रशतुत करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष अरुण मालाकार ने पंचायतीराज व्यवस्था के विषय मे विस्तार से जानकारी दी।
मालाकार ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पंचायतीराज व्यवस्था का सपना देखा था, जिसे देश के प्रधानमंत्री राजीवगांधी के प्रयासों से अमलीजामा पहनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दिलीप पांडेय ने कहा कि अधिकार पाने के लिए औऱ कांग्रेस की फिर से सत्ता में लाने के लिए हमे पूरे निष्ठा और दम खम से लड़ाई लडऩी पड़ेगी। कांग्रेस नेता जयेश जैन ने कहा कि पंचायतीराज की परिकल्पना समाज के अंतिम व्यक्ति तक संवैधानिक व मौलिक अधिकारों को पहुंचाने के उद्देश्य से की गई थी किन्तु इस व्यवस्था का भलीभांति क्रियान्वयन नही हो सका।
इन्होंने भी किया संबोधित
कार्यक्रम को कांग्रेस जिलाध्यक्ष जयंत ठेंठवार, जनपद पंचायत अध्यक्ष रामकुमार भगत, पंचायती राज संगठन के जिलाध्यक्ष प्रकाश नायक, पंचायत सदस्य वासुदेव यादव, संतोष बोहिदार, अशोक अग्रवाल, पीसीसी सदस्य अनिल चीकू, कैलाश गुप्ता, मंजीत सिंह कोमल, शिव शर्मा, सूरज तिवारी, गोल्डी नायक, गनपत जांगड़े, स्नेहलता शर्मा आदि ने भी संबोधित किया और कहा कि मौजूदा सरकार में सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने से उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।