– निगम के इंजीनियर नहीं पहुंच रहे काम की निगरानी करने
Video- सुरक्षा मानकों को ताक में रखकर निगम बनवा रहा पानी की टंकी
रायगढ़. निगम परिक्षेत्र के वार्ड क्रमांक 42 ट्रांसपोर्ट नगर में 157.2 लाख रुपए की लागत से बनाई जा रही पानी की टंकी में मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण के साथ ही श्रमिकों की जान भी जोखिम में डाली जा रही है। यहां काम करने वाले श्रमिकों को कई मंजिल की ऊंचाई में काम कराने के बाद भी न तो हेलमेट दिया जा रहा और न ही सुरक्षा बेल्ट लगवाई जा रही है। इतना सब होने के बाद भी निगम के इंजीनियर इस काम की निगरानी करने नहीं पहुंच रहे हैं। पूरा निर्माण भगवान भरोसे चल रहा है।
नगर निगम प्रशासन द्वारा वार्ड क्रमांक 42 यानि सारगंगढ़ बस स्टैंड व ट्रांसपोर्ट नगर में पानी की सुविधा मुहैय्या कराने के लिए 24 लाख लीटर क्षमता की पानी की टंकी बनवाई जा रही है। इसके निर्माण का ठेका रायपुर के ठेकेदार मेसर्स चंद्रा निर्माण प्राईवेट लिमिटेड को दिया गया है। चंद्रा ने यह ठेका 157.2 लाख रुपए में लिया है। ठेकेदार को यह निर्माण 30 माह में यानि अक्टूबर 2020 तक पूरा करना है। जल्द काम पूरा करने के लिए ठेकेदार नियम कायदों को ताक में रखकर काम कर रहा है। उसके द्वारा न तो निर्माम सामग्री पर ध्यान दिया जा रहा और न ही सुरक्षा मानकों पर।
दुकानों को बना डाला गोडाउन इतना बड़ा ठेका लेने के बाद ठेकेदार को निर्माण सामग्री रखने व मजदूरों को ठहराने की स्वयं व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन उसने वहां खाली पड़ी निगम की दुकानों पर कब्जा करके वहां सामान रखने के साथ ही लेबर को भी ठहरा दिया है। इससे अब दुकानें और जर्जर होने के साथ ही उनका शटर व अन्य लोहा भी गायब होने लगा है। इस बारे में ठेकेदार के कर्मचारी का कहना है कि उसे यह जगह निगम द्वारा दी गई है।
निगरानी के अभाव में हो रहा काम पत्रिका की टीम ने जब इस जगह हो रहे निर्माण का जायजा लिया तो वहां निगम का कोई इंजीनियर या टाइम कीपर मौजूद नहीं था, जबकि उस समय वहां टंकी के एक स्लैब की ढलाई चल रही थी। नियम के मुताबिक ढलाई, लोहा लगाने आदि बड़े काम होने के दौरान मौके पर इंजीनियर को होना जरूरी होता है, लेकिन लेबर से मिली जानकारी के मुताबिक निगम का इंजीनियर वहां झांकने तक नहीं जाता है। टंकी निर्माण मनमाने तरीके से भगवान भरोसे हो रहा है।
-श्रमिकों को सुरक्षा बेल्ट हेलमेट सभी सुरक्षा की चीजें दी गई हैं। उनके द्वारा ही इसे नहीं लगाया जा रहा है। अभी मैं बाहर हूं तो उन्होंने नहीं पहना होगा, नहीं तो सुरक्षा का पालन कराया जा रहा है। रही बात निर्माण के गुणवत्ता की तो वह निगम इंजीनियर की निगरानी में हो रहा है- रामलाल साहू, सुपरवाइजर, मेसर्स चंद्रा निर्माण