scriptCorporation is not taking initiative to improve the dilapidated roads | मरीन ड्राइव की जर्जर सडक़ों की सुधार के लिए निगम नहीं कर रहा पहल | Patrika News

मरीन ड्राइव की जर्जर सडक़ों की सुधार के लिए निगम नहीं कर रहा पहल

locationरायगढ़Published: Oct 09, 2022 08:59:41 pm

Submitted by:

CHITRANJAN PRASAD

जगह-जगह कीचडय़ुक्त सडक़ों के चलते राहगीर परेशान
निगम की अनदेखी का खामियाजा भुगत रहे लोग

raigarh
मरीन ड्राइव की जर्जर सडक़ों की सुधार के लिए निगम नहीं कर रहा पहल
रायगढ़. जिले के अंदर व बाहर की सडक़ें जर्जर है, जिससे जनता परेशान है, आलम यह है कि दोनों मरीन ड्राइव पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है, जिससे मरीन ड्राइव का नाम सुनते ही लोग जाने से कतराने लगते हैं, वहीं निगम सरकार महानगरों की तर्ज पर शहर को व्यवस्थित करने की बात करते हैं, लेकिन सडक़ों को सुधारने में दिल चस्पी नहीं दिखा रहे हैं। वहीं विगत दिनों प्रदेश के मुखिया को भी जनता के नाराजगी का सामना भेंट-मुलाकात के दौरान करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद भी सडक़ों को सुधारने के लिए अब तक कोई प्रशासनिक स्तर पर सार्थक पहल होता नजर नहीं आ रहा है।
गौरतलब हो कि कि अमृत मिशन योजना के शुरू होने से शहरवासियों को पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से होने लगा है, लेकिन यह योजना अब लोगों के लिए काफी मुसीबत खड़ा कर दिया है। ठेका कंपनी द्वारा पाईप लाईन बिछाने के नाम पर शहर के सडक़ों को गढ्ढों में तब्दील कर छोड़ दिया है। दरअसल पाईप लाईन बिछाने के लिए गढ्ढे खोदे जाने पर पुरी गुणवत्ता के साथ वापस गढ्ढों को भरने की जिम्मेदारी भी ठेका कंपनी की थी, लेकिन ठेका कंपनी कुछ गढ्ढों को तो भर दिया, लेकिन कुछ को मिट्टी ही डालकर छोड़ दिया, जिससे लगतार बारिश होने के कारण सड्कें कीचड़ में तब्दील हो गई है। वहीं वर्तमान में बारिश बंद होने के बाद भी मरीन ड्राइव की सडक़ कीचड्युक्त ही बनी हुई है, जिससे बाइक चालक तो किसी तरह से बाइक को निकाल ले रहे हैं, लेकिन चार चक्का वाहन चालकों की मुसीबत जस की तस बनी हुई है। राहगीरों की माने तो सडक़ में बने गड्ढों में पानी जमा होने से सडक़ें कीचड़ में तब्दील हो जा रही है और वाहन उसमें प्रवेश करते ही गड्ढों में फंस जा रही है।
दूसरा मरीन ड्राइव भी हुआ चौपट
गौरतलब हो कि बेलादुला मरीन ड्राइव तो पहले से ही चौपट थी, जिसका अभी तक सुधार नहीं हो पाया है। वहीं शनि मंदिर से सर्किट हाउस तक जाने वाली मरीन ड्राइव भी बदहाली के दौर से गुजर रहा है। इस मार्ग में भी जगह-जगह गड्ढा खोदने के बाद उसका रिपेयर नहीं होने से कीचड़ में तब्दील हो गया है, हालांकि इस मार्ग को महापौर के साथ निगम अधिकारी भी कई बार निरीक्षण भी कर चुके हैं, लेकिन इसको बनाने के लिए कोई पहल नहीं हो रहा है। जिससे यह मार्ग भी अब चलने के लायक नहीं बची है। हालांकि विगत दो-चार दिनों से बारिश बंद होने के कारण दोपहिया वाहन चालक किसी तरह से बाइक को निकाल ले रहे हैं, लेकिन चार चक्का वाहन चालकों को अभी भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जर्जर सडक़ के चलते बढ़ी समस्या
इस संबंध में राहगीरों से बात की गई तो उनका कहना था कि शनि मंदिर से सर्किट हाउस मार्ग सही था तो ढिमरापुर सहित अन्य जगह जाने में काफी सहुलियत होती थी, लेकिन इन दिनों दूसरा मरीन ड्राइव भी खराब होने से दिक्कत बढ़ गई, साथ ही राहगीरों ने बताया कि सबसे ज्यादा खराब राजा महल के पीछे व मुक्तिधाम के पास हो चुकी है, जिससे इधर से से वाहन चालक चले जाते हैं, लेकिन वहां जाने के बाद या तो वापस आना पड़ता है, या कोई चालक वाहन को घुसाता है तो फंसने का भय बना रहता है, लेकिन इसकी जानकारी होने के बाद भी सुधार के लिए पहल होता नजर नहीं आ रहा है।
मरीन ड्राइव सडक़ को लेकर कांग्रेस कर चुकी है प्रदर्शन
तत्कालिन प्रदेश में जब बीजेपी की सरकार थी, और रायगढ़ में सत्ता पर बीजेपी काबिज थी, इस दौरान विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पोस्ट अभियान जारी करते हुए मरीन ड्राइव की खस्ता हाल सडक़ को लेकर आंदोलन प्रदर्शन की थी, लेकिन अब जब शहर एवं जिले के पांचों विधानसभा में व प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ काबिज होने के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने चुप्पी साध ली है, जिसका सीधा असर जनता को उठाने पड़ रहा है, साथ ही गाहे-बगाहे कांग्रेसियों को भी भुगतना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
वहीं जनप्रतिनिधी विगत चार माह से कह रहे हैं कि शहर की सडक़ों के सुधार कार्य के लिए टेंडर हो गया है, जिसमें मरीन ड्राइव भी शामिल है, लेकिन इसके बाद भी काम शुरू नहीं हो पाना समझ से परे हैं। ऐसे में अब देखना है कि और कितने दिनों तक जर्जर सडक़ों से गुजरना पड़ता है।
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