7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब कानन पेंडारी में रहेगा पुचपुच, इंदिरा विहार में बन गया था आकर्षण का केन्द्र, पढि़ए पूरी खबर…

ग्रामीणों ने जब वन अमला को किया सुपुर्द तो उसे जीवित रखना विभाग के लिए बन गया था चुनौती

2 min read
Google source verification
अब कानन पेंडारी में रहेगा पुचपुच, इंदिरा विहार में बन गया था आकर्षण का केन्द्र, पढि़ए पूरी खबर...

अब कानन पेंडारी में रहेगा पुचपुच, इंदिरा विहार में बन गया था आकर्षण का केन्द्र, पढि़ए पूरी खबर...

रायगढ़. पिछले दिनों जामंगा सर्किल के कुकुर्दा के जंगल में एक चौसिंगा का शावक अपने मां से बिछड़ गया था। ग्रामीणों ने उसे जंगल से लाकर मामले की जानकारी वन अमला को दी। इसके बाद से उसे सुरक्षित ढंग से इंदिरा विहार में वन विभाग व सेव फारेस्ट की देखरेख में रखा जा रहा था। जहां आज उसे बिलासपुर के जू कानन पेंडारी भेजा गया।

उल्लेखनीय है कि चौसिंघा को जब ग्रामीणों ने जंगल से लाने के बाद वन अमला के सुपुर्द किया, तो वन विभाग के लिए उसे जीवित रखना सबसे बड़ी चुनौती बन गई थी। ऐसे में इंदिरा विहार प्रबध्ंान को इसका जिम्मा डीएफओ मनोज पांडे ने सौंपा। तब सेव फारेस्ट के अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल व उनकी टीम सहित वन अमला की देखरेख में उसे रखा जा रहा था। ताकि किसी प्रकार की कोई घटना न घटित हो जाए, लेकिन बेहतर ढंग से उसका पालन पोषण यहां किए जाने लगा और इसी बीच चौसिंगा का नामकरण किया गया। इसके बाद से इसे पुचपुच कह कर पुकारा जाने लगा।

Read More : पत्नी कहती थी आप शराब छोड़ देंगे तो मैं बच्चों के साथ आ जाऊंगी घर, पर पति ने छोड़ दी दुनिया

चौसिंगा इंदिरा विहार में आकर्षण का केन्द्र भी बन गया, लेकिन शावक को यहां हमेशा के लिए रखना उचित नहीं था। कभी भी कोई घटना भी घटित हो सकती थी। ऐसे में सेव फारेस्ट के अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल ने डीएफओ मनोज पांडे से चौसिंगा को कानन पेंडारी भेजने का निवेदन किया गया। तब तत्काल डीएफओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को चौसिंघा को कानन पेंडारी भेजने के लिए निर्देशित किए।

इसके बाद प्रक्रिया शुरू की गई और आज बिलासपुर कानन पेंडारी से कर्मचारी पहुंचे और चौसिंगा को इंदिरा विहार से कानन पेंडारी ले गए। इस दौरान रेंजर आरसी यादव, डिप्टी रेंजर राजेश्वर मिश्रा, सेव फारेस्ट समिति अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, सचिव मोहसिन खान, परिसर रक्षक गोवर्धन राठौर, इंदिरा विहार प्रभारी प्रतिमा गुप्ता, विजयपुर वन प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्याम मालाकार सहित अन्य स्टाप मौजूद थे।

चौसिंगा के रूप में हुई थी पहचान
जब वन अमला को चौसिंगा मिला, तो इसे प्रारंभिक रूप से पहचान नहीं किया जा सका था और इसे कोटरी शावक माना जा रहा था, लेकिन जब कानन पेंडारी के विशेषज्ञों को इसे दिखाया गया, तो उन्होंने इसकी पहचान चौसिंगा के रूप में की और बताया कि चौसिंगा एक विलुप्त प्राजाति है। हांलाकि अब कानन पेंडारी में इसे इसकी प्रजाति के साथ सुरक्षित रखा जाएगा।


बड़ी खबरें

View All

रायगढ़

छत्तीसगढ़

ट्रेंडिंग