रायगढ़ जिले के अंतिम छोर पर बसे ठाकुरपोड़ी पंचायत के हाई स्कूल के विद्यार्थीयों ने प्रदर्शन के दौरान आरोप लगाया कि स्कूल के प्राचार्य बीएस पैकरा के लिए अलग से बाथरूम है, लेकिन उनके द्वारा बालिकाओं के बाथरूम का उपयोग किया जाता है। वहीं यह भी आरोप लगाया कि बालिकाएं जब स्कूल के बाथरूम के अंदर रहती है तो प्राचार्य बाथरूम के बाहर खड़े होते हुए ताकझांक करते हैं तो कभी बाथरूम के अंदर आ जाते हैं। इससे छात्राओं को शर्म महसूस होती है।
यहां के मतदाता जंगल, पहाड़ और पथरीले नालों को पार कर मनाएंगे लोकतंत्र का त्योहार, चुनेंगे अपनी सरकार इसके अलावा बालिकाओं की तबियत खराब होने के समय उन्हें छुट्टी भी नहीं दी जाती। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि स्कूल एडमिशन का निर्धारित ५२० रुपए है, लेकिन प्राचार्य के द्वारा एडमिशन के नाम पर प्रत्येक विद्यार्थियों से ७०० रुपए लिया गया। वहीं अब तक उनकी रसीद भी नहीं दी गई है। लगातार चल रही इस मनमानी को लेकर छात्र-छात्राएं शुक्रवार की सुबह जब १० बजे स्कूल पहुंचे और मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। स्कूल के बाहर हाथों में तख्ती लेकर प्राचार्य हटाओ की नारेबाजी की। इस बीच जब स्कूल के स्टाफ पहुंचे तो उन्हें भी अंदर जाने नहीं दिया गया। पूरे स्कूल समय तक विद्यार्थी प्रदर्शन करते रहे।
हो चुकी है कई शिकायत
प्राचार्य की इस मनमानी की शिकायत इससे पहले भी की जा चुकी है। बताया जा रहा है कि इसकी शिकायत कलक्टर से की गई। इसके अलावा मुख्यमंत्री के पास भी पत्र भेजते हुए इसकी शिकायत की गई, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। प्राचार्य की इस मनमानी को लेकर इससे पहले भी एक बार पंचायत स्तर पर स्कूल में तालाबंदी करते हुए प्राचार्य को हटाने की मांग की गई थी। इस समय प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी।
फड़वा दिए महापुरुषों के पोस्टर
विद्यार्थियों ने बताया कि कुछ समय पहले प्राचार्य ने स्कूल में लगे महापुरुषों की पोस्टर को बच्चों से फड़वा दिया। स्कूल में महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडर, राधा कृष्णन, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेका नंद, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह व अन्य महापुरुषों के पोस्टर लगे थे। वही पोस्टर फड़वाने के पीछे यह तर्क दिया गया कि आचार संहिता की वजह से पोस्टर को फड़वाया जा रहा है।
– मैं चुनाव ड्यूटी पर हूं। इस विषय पर मैं कुछ नहीं कर सकता। एसआर सिदार, बीईओ, धरमजयगढ़ -प्राचार्य द्वारा लंबे समय से मनमानी की जा रही है। प्राचार्य की इस मनमानी से विद्यार्थी खासे परेशान है। इस बात की शिकायत जिला प्रशासन के अधिकारियों के अलावा मुख्यमंत्री से भी की जा चुकी है, लेकिन अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो सकी। इसकी वजह से मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। सुशील कुमार राठिया, अध्यक्ष, शाला विकास समिति