खनिज माफिया के मामले को कमजोर करने की हो रही बात
रायगढ़•Apr 24, 2019 / 09:25 pm•
Vasudev Yadav
प्रशिक्षु आईएएस के जाने से हो रही अलग तरह की चर्चा
रायगढ़. लंबे समय से हो रही खनिज तस्करी पर रोक लगाकर कार्रवाई करने के बाद चर्चा में आए प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी मयंक चतुर्वेदी को ट्रेनिंग पर भेज दिया गया है। इससे जिले में इस बात की चर्चा हो गई है कि खनिज माफिया को बचाने के लिए मयंक को हटाया गया है। इस बारे में जिले के कलेक्टर यशवंत कुमार का कहना है कि मयंक चतुर्वेदी तय कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग पर गए हैं। उन्हें काफी पहले ट्रेनिंग कैंप में रिपोर्टिंग करनी थी, लेकिन निर्वाचन कार्य के चलते चुनाव तक रोका गया था। चुनाव खत्म होते ही वह ट्रेनिंग के लिए रवाना हो गए हैं।
जिले के घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा व धरमजयगढ़ क्षेत्र में कोयला का काफी भंडार है। इस सबके बीच जिले में अवैध कयला व अन्य खनिज का उत्खनन भी जोरों पर है। सारंगढ़ के टिमरलगा क्षेत्र में तो दर्जनों पत्थर खदान और क्रशर अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। खनिज विभाग के अधिकारियों की शह पर लंबे समय से खनिज माफिया यहां फल फूल रहे थे। जिले में नए कलेक्टर के आते ही मानों इनके राहू केतु सभी बिगड़ गए। कलेक्टर यशवंत कुमार ने अवैध खनिज और कोयले की तस्करी के लिए एक टीम बनाई और उसका नेतृत्व खुद प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी मयंक चतुर्वेदी के हाथों में सौंप दिया। मयंक ने कुछ ही दिनों में जिले भर में हो रहे अवैध उत्खनन और परिवहन को रोक सा दिया था। इसी कार्रवाई के दौरान ही उन्होंने टिमरलगा क्षेत्र में कार्रवाई की थी और वहां अवैध खदान तवाने वाले माफिया अमृत पटेल ने उनके ऊपर ही जानलेवा हमला कर दिया था। इसके बाद अमृत पटेल के ऊपर खुद मयंक चतुर्वेदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पटेल के ऊपर एक के बाद एक कई मामले दर्ज हुए और वह फरारी काट रहा है। इसी दौरान अचानक मयंक चतुर्वेदी के अचानक जाने से इस तरह की चर्चा हो रही है कि किसी बड़े सत्ताधारी नेता के दबाव में ऐसा हुआ है, जिससे कि अमृत पटेल के मामले को दबाया जा सके। हालांकि इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने एक बयान जारी किया है कि वह ऐसे किसी भी खनिज माफिया का साथ नहीं देंगे और अमृत पटेल पर कार्रवाई होकर रहेगी। इससे लोग अब इस इंतजार में है कि उमेश पटेल के कहने पर पुलिस कितनी जल्दी आरोपी को गिरफ्तार कर पाती है।