पीडि़ता किसी भी तरह से प्रताडऩा को सहकर ससुराल में रह रही थी, समय बीतता गया और एक दिन महिला गर्भवती हो गई। उसने एक बच्चे को जन्म दिया, तब पीडि़ता को लगा कि सब ठीक हो जाएगा, लेकिन कुछ नहीं बदला। शादी सालगिरह के दिन उसे घर से निकाल दिए। इसके बाद पीडि़ता ने अपने घर वालों को फोन कर बुलाई और अपने मायके अड़भार चली गई।
बेटी पैदा हुई तो ससुरालियों का बढ़ा डिमांड
23 मई को पीडि़ता ने अडभार के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में बच्ची को जन्म दिया और फोन से अपने पति को बताई तो उसने फोन में भी धमकी दिया कि लड़की पैदा की है अब तो दहेज में मांगी हुई बाइक और पचास हजार रुपए लेकर आएगी तभी घर में रखेंगे। वरना पीडि़ता का पति दूसरी शादी करने की बात कहने लगा। जब पीडि़ता के पास सारे रास्ते बंद हो गए तो उसने घटना की रिपोर्ट थाने में की। जहां पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है।