इसकी जानकारी मिलने के बाद कल शाम को टिमरलगा की बस्ती की महिलाओ ने प्लांट का घेराव कर दिया। कल रात 9 बजे तक महिलाएं वही प्लांट में धरने पर बैठी रही। जिसके बाद आनन-फानन में प्लांट का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। वही क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल के आदेश को दरकिनार कर मनमानी कर रहे इस प्लांट संचालक का दबंगई से टिमरलगा में माहौल बिगडऩे की आशंका है।
बताया जा रहा है कि टिमरलगा के बस्ती से सटा हुआ स्थान पर मेसर्स गीता इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलेपर्स के नाम पर हॉट मिक्स डामर प्लांट का स्थापना राहुल अग्रवाल चंद्रपुर निवासी के द्वारा किया गया है।
बस्ती के निस्तारी तालाब से लगा हुआ इस हॉट मिक्स प्लांट में पर्यावरण प्रदूषण बेहद बदहाल स्थिति में पहले ही दिन दिखने लगा। इसकी चिमनी से गहरा काला धुंआ निकल रहा था और डामर प्लांट से अजीम से दुगंध आ रही थी। जिसके कारण से ग्रामवासियो ने इस प्लांट से प्रदूषण फैलने की शिकायत 29 नवंबर को क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ से किया।
वहीं कलेक्टर रायगढ़ के साथ साथ अनुविभागीय अधिकारी सारंगढ़ और अन्य संबंधित विभाग को भी शिकायत की प्रति भेजकर इस डामर प्लांट को बंद करने की मांग किया। इस शिकायत पर क्षेत्रीय पर्यावरण मंडल के प्रतिनिध मंडल के द्वारा रसायनज्ञ सतीश पटेल, वैज्ञानिकसूरज कुमार कुर्रे की दो सदस्यीय टीम के द्वारा 1 अप्रैल को उक्त हॉट मिक्स प्लांट का जांच करने भेजा गया।
जहां पर शिकायतकर्ता ग्रामवासियो के साथ उद्योग प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। जांच दल ने मौके पर पाया कि उत्पादपन प्रक्रिया में काफी ज्यादा बदबू आ रहा है। उद्योग में प्रदूषण नियंत्रण हेतु लगाया गया वाटर स्क्रबर पर्याप्त क्षमता का नहीं होने के कारण से चिमनी से काला धुंआ निकल रहा है। वही परिसर में वृक्षारोपण पर्याप्त मात्रा में नहीं पाया गया है। जिसके कारण से यह उद्योग पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है।
प्लांट बंद नहीं करने पर होगा उग्र आंदोलन – ग्रामवासी
इस संबंध में आक्रोशित ग्रामवासियो ने एक स्वर में मेसर्स गीता इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलेपर्स के संचालक राहुल अग्रवाल चंद्रपुर को चेतावनी दिया है कि जब शासन के द्वारा प्लांट को बंद करने का आदेश प्रदान कर दिया गया है तो क्यो जबरदस्ती करके प्लांट को प्रारंभ रखा गया है।
पर्यावरण प्रदूषण से पूरा गांव का माहौल खराब हो रहा है चिमनी के गहरे काले धुंए से श्वांस लेना दूभर हो गया है। निस्तारी तालाब का पानी प्रदूषित हो गया है। इन सबके बाद भी दबंगई करते हुए डामर प्लांट को चालू रखने से गांव में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों ने प्रशासन को तथा उद्योग संचालक को चेतावनी दिया है।