विदित हो कि कुछ दिन पूर्व हुई बारिश के बाद शनिवार को दोपहर बाद से मौसम ने करवट लिया और रविवार को रात में बारिश हुई वहीं सोमवार को भी दिन भर रूक-रूक कर बारिश होती रही। जिसके कारण खरीदी केंद्रों में पूरा परिसर बेमौसम बारिश से गीला हो गया है। गौर किया जाए तो किसान धान विक्रय करने के लिए लेकर आते हैं तो समिति परिसर में खुले आसमान के नीचे जमीन में धान रखते हैं लेकिन गीला होने के कारण यहां धान खराब हो जाएगा। इसलिए न तो किसान धान विक्रय करने के लिए समिति आ रहे हैं न ही समिति के पदािधकारी धान क्रय कर रहे हैं। इसके कारण करीब जिले के समितियों में धान खरीदी प्रभावित हुई है।
नए सीएम से जिलेवासियों की बढ़ी उम्मीद, हाथी अभ्यारण और मेडिकल कॉलेज पहली जरूरत लगातार बारिश से हो सकता है नुकसान
अधिकारियों की मानें तो अभी तक हुई बारिश से धान को नुकसान नहीं होगा। लेकिन जानकारों की मानें तो बारिश ऐसी ही होती रही तो समितियो ंमें रखे धान में नमी आएगी और नमी के कारण धान खराब हो सकता है। जिसके कारण समितियों को चपत लग सकता है।
नए टोकन को लेकर भी किसान असमंजस में
धान विक्रय करने के पूर्व समितियों में टोकन कटाना होता है। पूर्व में जो किसान टोकन कटा चुके हैं वो तो धान विक्रय करने के लिए समिति नहीं जा रहे हैं लेकिन ऐसे किसान जो टोकन नहंी लिए हैं बेमौसम बारिश को देखते हुए इस सोच में पड़े हैं कि टोकन कटाएं या नहीं ।
-समितियो ंमें कैप कवर की व्यवस्था है। इतने बारिश से धान को नुकसान नहीं होता है। फिलहाल अभी कहीं से भी नुकसान की कोई शिकायत नहीं मिली है- एसके गुप्ता, डीएमओ, विपणन विभाग