scriptतीन मासूम बच्चों को उफनते नदी में फेंकने के बाद पिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या | Father commits suicide after throwing three children in river Raigarh | Patrika News

तीन मासूम बच्चों को उफनते नदी में फेंकने के बाद पिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

locationरायगढ़Published: Aug 16, 2020 11:10:15 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

रायगढ़ जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी हैं, यहां एसईसीएल छाल में कार्यरत 30 वर्षीय एक सिरफिरे पिता ने अपने ही तीन मासूम बच्चों को उफनती नदी में फेंकने के बाद खुद भी छलांग लगाकर जान देने का प्रयास किया। देर शाम तक बच्चों का तो पता नहीं चला लेकिन पुल से करीब 200 मीटर दूर स्थित एक मंदिर के किनारे कार्तिकेश्वर की लाश फांसी पर लटकते हुए मिली।

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रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी हैं, यहां एसईसीएल छाल में कार्यरत 30 वर्षीय एक सिरफिरे पिता ने अपने ही तीन मासूम बच्चों को उफनती नदी में फेंकने के बाद खुद भी छलांग लगाकर जान देने का प्रयास किया। देर शाम तक बच्चों का तो पता नहीं चला लेकिन पुल से करीब 200 मीटर दूर स्थित एक मंदिर के किनारे कार्तिकेश्वर की लाश फांसी पर लटकते हुए मिली।
दरअसल, यह घटना स्वतंत्रता दिवस की सुबह रविवार की है। बताया जाता है कि नदी में छलांग मारने के बाद जब वह बहकर किनारे आ गया तो फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। खरसिया छाल मार्ग पर स्थित चंद्रशेेखरपुर (एडु) में स्थित मांड नदी का है, जहां आज सुबह 6 बजे के लगभग एसईसीएल में काम करने वाला ग्राम बर्रा निवासी 30 साल का युवक कार्तिकेश्वर राठिया एडु में अपने परिवार के सुंदर साय राठिया की पत्नी के रविवार को होने वाले दशकर्म में अपने चार बच्चों एवं अपनी माँ कर्मो बाई राठिया के साथ 15 अगस्त की शाम को ही एडु आ गया था। परिवार के मुखिया सुंदर साय ने बताया कि कार्तिकेश्वर राठिया 15 अगस्त की रात भर नहीं सोया और इधर-उधर घूम कर रात काट दिया।
रविवार को सुबह बच्चों के सो कर उठते ही कार्तिकेश्वर ने मोटर सायकल में अपने चार बच्चों जिनमें 8 साल रामसागर, 5 साल खिऱसागर, 3 साल नर्मदा एवं 8 माह के अबोध अमन राठिया को लेकर खरसिया थाना क्षेत्र के एडु चौक से आगे स्थित मांड नदी के पुल पर पहुंचा और तीन बच्चों को उफनती हुई मांड़ नदी में एक एक करके फेंक दिया। इसके बाद कार्तिकेश्वर अपने मां को यह कह कर बच्चों को साथ लेकर एडु से निकला कि लात में अपने बुआ के घर जा रहा हूँ और उल्टे दिशा को जाते देख युवक के गतिविधि से उसकी मां को कुछ शंका हुई, तो उसने आवाज दी कि बच्चों को लेकर कहा जा रहा है और मोटर साइकिल का पीछा करते हुए,बच्चो को खोजते हुये मांड नदी पर बने पुल के पास पहुंच गई।
मां के पहुंचने से पहले कार्तिकेश्वर ने एक-एक कर अपने तीन बच्चों को नदी के उफनते तेज बहाव पानी में फेंक चुका था। बड़ा लड़का रामसागर अपने पिता के इस कार्य को देख सकते में आकर इधर उधर भागने लगा तभी गांव की ओर से अपने दादी को आते देख चप्पल छोड़ दादी के पास भाग खड़ा हुआ जिससे उसकी जान तो बच गई लेकिन कार्तिकेश्वर ने अपने माँ को आते देख खुद उफनती नदी में छलांग लगा दिया। रामसागर घर पहुँच कर अपनी दादी के साथ खरसिया थाने में अपने पिता की कारगुजारी की रिपोर्ट लिखवाया।
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