पल्ला झाडऩे के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जांच के लिए
रायगढ़Published: Oct 27, 2022 07:09:49 pm
अब तक न तो स्थानीय स्तर पर जांच न ही उच्च विभाग की ओर से कोई पहल


अब तक न तो स्थानीय स्तर पर जांच न ही उच्च विभाग की ओर से कोई पहल
रायगढ़। नेतनांगर में डेम निर्माण में स्टीमेट को दरकिनार कर किए जा रहे निर्माण कार्य के मामले में वन विभाग ने जांच कराने के बजाए उच्च विभाग को जांच के लिए पत्र लिखने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ते हुए दिख रही है। इसके कारण अब तक न तो स्थानीय स्तर पर जांच शुरू हो सकी है ही उच्च विभाग ने इस दिशा में कोई पहल किया है।
ग्राम नेतनांगर में वन विभाग ने कैंपा मद से अदन डेम निर्माण के लिए ५६ लाख ६८ हजार रुपए की स्वीकृति वित्तीय वर्ष २०२०-२१ में दी गई है और निर्माण की अवधी पूर्ण करने के लिए १ साल का समय तय किया गया था, लेकिन मौके पर देखा जाए तो कुछ भी काम नहीं हुआ है। एक छोर में पार बांधने का काम भी आधे-अधूरे स्थिति में है। निर्माण के दौरान स्टीमेट का पालन ही नहीं किया जा रहा है और इसकी मॉनिटरींग करने वाले अधिकारी भी मौन साधे हुए हैं जिसके कारण ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर उच्च अधिकारियों द्वारा मामले की जांच करने के बजाए अक्टूबर के शुरूआत में ही जांच के लिए अधिकारी नियुक्त करने डीएफओ ने सीसीएफ को पत्र लिखा , लेकिन इस मामले में न तो अब तक उच्च विभाग द्वारा कोई जांच अधिकारी नियुक्त किया गया न ही स्थानीय स्तर पर जांच शुरू हो पाई।
जुर्डा के तर्ज पर चल रहा है काम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में जुर्डा में तालाब निर्माण में हुई गड़बड़ी के तर्ज पर ही यहां पर भी काम हो रहा है, लेकिन इस मामले में मामले में विभाग के अधिकारी जांच करने के बजाए उल्टे बचते हुए दिख रहे हैं जिसके कारण ठेकेदार का हौसला और बढ़ते जा रहा है।
स्टीमेट का नहीं है कोई औचित्य
खोदी हुई मिट्टी और अच्छी क्वालिटी की मिट्टी से पार बनाते हुए इसमें २० सेमीं से अधिक मोटी परतों में बांध भराई करने के साथ उसमें पत्थर मिक्स कर १/२ टन के रोलर या लकड़ी से ठुरमुठों से हर एक परत में चलाने और कम से कम ८ टन वाले शक्ति चलित बेलन से प्रत्येक तीसरी और सबसे उपरी परतों को समतल करने का है, लेकिन यहां पर मिट्टी का ढेर लगाकर छोड़ दिया गया है जो कि बारिश में बह जाएगा।
वर्सन
इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों के निगरानी में जांच कराने के लिए उच्च कार्यालय को पत्र लिखा है। अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है।
स्टेयलो मंडावी, डीएफओ रायगढ़