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इसके बाद पुलिस ने पुरानोराम को साथ चलने को कहा। जंगल के अंदर नाला के पास पहुंचने पर पुलिस ने पुरनोराम को आवाज देकर अपने बेटों को बुलाने को कहा। पुरनोराम के आवाज देने पर उसके दोनों बेटे टार्च लेकर पास भी आ गए। पुलिस और आरोपियों के बीच सिर्फ एक नाला का ही फासला था। तभी पुरनोराम के पिता ने अपने भाषा में बातचीत कर अपने दोनों बेटों को हिंट दे दिया। इसके बाद दोनों आरोपी वहां से भाग निकले। इसी बीच 4 अक्टूबर की सुबह करीब 11 बजे पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि धनेश्वर व सोनू बाइक से पत्थलगांव अपने रिश्तेदार के यहां जा रहे हैं। तभी पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें धरमजयगढ़ के हॉस्पिटल चौक के पास पकड़ लिया। वहीं आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें रिमांड में जेल भेज दिया गया है।
इधर आरोपी की पत्नी ने भी थाने में की है शिकायत
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी धनेश्वर की पत्नी ने भी थाने में शिकायत की है कि उन्हें वन विभाग वाले लंबे समय से परेशान करते आ रहे हैं। उनकी जमीन को फॉरेस्ट वाले अपनी जमीन बता कर वहां पौधरोपण कर रहे थे। इस दौरान विवाद हुआ और मारपीट की घटना घटित हुई। इसके अलावा भी धनेश्वर की पत्नी ने पुलिस से अपने आवेदन में लंबी-चौड़ी शिकायत की है, जिसे पुलिस ने जांच में लिया है।
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क्या था मामला
वन विभाग धरमजयगढ़ तराईमार में पदस्थ वनरक्षक दीपक नायक 1 अक्टूबर की दोपहर अपने समिति अध्यक्ष एवं सदस्य वन प्रबंधन समिति शेरबंद के साथ कक्ष क्रमांक 366 आरएफ जंगल में समिति के माध्यम से वृक्षारोपण कर रहा था। उसी समय धनेश्वर व उसका भाई सोनू यादव वहां आए और हमारी जमीन पर पौधरोपण नहीं करने देंगे कह कर दीपक की लात-घूसा व डंडे से बेदम पिटाई कर दिए थे। वहीं उसकी वर्दी भी फाड़ दिए थे। दीपक किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा था।