पुलिस का कहना है कि इस घटना के बाद से पीडि़त विरेन्द्र ही पुलिस के शक के घेरे में आ रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि घटना के दिन विरेन्द्र ने फोन पर अपने मालिक को दो लोगों द्वारा घटना को अंजाम देना बताया था, लेकिन टीआई के सामने तीन आदमी बोला। जबकि पुलिस को उसने बताया कि उसके साथ लूट 12.25 बजे हुई है।
क्या था मामला
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार खरसिया निवासी राजेश कुमार अग्रवाल पिता स्व. रामचंद्र अग्रवाल (51) का फगुरम जिला जांजगीर-चांपा में हनुमान राइसमिल है। 28 मई की सुबह राजेश ने अपने स्टाफ विरेन्द्र राठौर को सरिया के व्यापारी सभापति साहू के यहां धान का पेमेंट लेने भेजा था। जहां से विरेन्द्र एक बैग में चार लाख रुपए लेकर वापस फगुरम जा रहा था। जैसे ही वह मानिकपुर मोड़ के पास पहुंचा तो पल्सर बाइक में सवार तीन नकाबपोश युवकों ने उसका रास्ता रोका और उसके साथ मारपीट करते हुए चार लाख रुपए को लेकर सरिया की तरफ भाग गए।