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यहां तेजी से गिर रहा भू-जल स्तर, इसे बचाने के लिए हार्वेस्टिंग सिस्टम कहां लगा किसी को नहीं पता

locationरायगढ़Published: May 24, 2018 03:24:01 pm

Submitted by:

Shiv Singh

दो साल से लगातार मिल रहे निर्देश

दो साल से लगातार मिल रहे निर्देश

दो साल से लगातार मिल रहे निर्देश

रायगढ़. जिले में भू-जल स्तर लगातार नीचे गिर रहा है इसकी भरपाई करने के लिए लागू की गई वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का अता-पता नहीं है। दो साल से लगातार मिल रहे निर्देश के बाद जिले में महज 18 शासकीय भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाकर छोड़ दिया गया है।
शेष शासकीय भवनों में आज तक इसका अता-पता नहीं है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिला मुख्यालय के आधा दर्जन शासकीय आवासों में ही इसका अभाव देखने को मिल रहा है। सभी विभागों को जिला प्रशासन ने निर्देश दिया था कि पीएचई और पीडब्ल्यूडी द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग के बनाए गए नक्शे को देखकर निर्माण स्वीकृत करें, लेकिन देखा जाए तो जिला मुख्यालय में स्थित पीडब्लयूडी और पीएचई कार्यालय में ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लग पाया है। यहां तक वन विभाग, जनपद पंचायत व जिला पंचायत तक में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बन पाया है।

ब्लाक मुख्यालयों में शासकीय भवनों की बात ही दूर है। सबसे बड़ी बात तो यह है कलक्टोरेट में बने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम टूटकर जर्जर हो चुके हैं। इसे जर्जर हुए दो से तीन साल हो गए लेकिन अभी तक इसको ठीक नहीं कराया गया है जिसके कारण उक्त वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जल संचय का काम नहीं हो पा रहा है। इसी तरह से और कई विभााग है जिनके बड़े-बड़ भवन है लेकिन यहां यह सिस्टम न हो पाने के कारण बारिश के दिनों में छतों में जमा पानी नाली से बह जाता है।


न तो दोहन रोक पाए न ही संचय कर पाए
दर्जन भर से अधिक उद्योग ऐसे हैं जो कि भू-जल का उपयोग कर उद्योग चला रहे हैं। प्रतिदिन भारी मात्रा में भू-जल इन उद्योगों में लिया जा रहा है भू-जल के इस प्रकार दोहन को रोकने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया जा सका है वहीं जब शासन ने भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू कर दिया तो इसका भी पालन नहीं हो पा रहा है। खास बात यह है कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्माण कराने के लिए पहले साल टैक्स में भी छूट दी जाती है। इसके बाद भी लोग उदासीन बने हुए हैं।


कालोनियों में भी इसका पालन नहीं
प्रायवेट कालोनियों के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन गौर किया जाए तो जिले के 90 प्रतिशत से अधिक कालोनियों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। पिछले साल नगर एवं ग्राम निवेश ने ऐसे 98 कालोनियों को नोटिस जारी किया था। जिसमें कुछ ने समय मांगा तो बाकी का जवाब तक नहीं आया। वर्तमान स्थिति में भी अधिकांश कालोनियों में काम नहीं हो पाया है।

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