सामान्य सभा की बैठक अमूमन हर दो माह में किए जाने का नियम है, लेकिन निगम के द्वारा एक बैठक आयोजित किए जाने के लिए चार से पांच माह लगाया जाता है, तो कभी छह माह बाद भी सामान्य सभा की बैठक नहीं होती। वहीं जब सामान्य सभा की बैठक आयोजित कराने के लिए निगम के पार्षदों द्वारा ज्ञापन सौंपा जाता है तब कही जाकर सामान्य सभा की बैठक आयोजित की जाती है। इस तरह बड़ी मुश्किल से निगम के द्वारा सामान्य सभा की बैठक आयोजित की जाती है,
जबकि परिषद में यह स्पष्ट निर्णय रहता है कि उक्त एजेंडे को आगामी बैठक में शामिल किया जाए। इसके बाद भी एजेंडे सामान्य सभा में शामिल नहीं होते। वर्ष 2016 के 22 जनवरी को हुई सामान्य सभा के एजेंडे पर गौर करते तो इसमें के अधिकांश प्रस्ताव आगामी बैठक में शामिल किए जाने का निर्णय परिषद ने लिया था, लेकिन इन प्रस्तावों को निगम के द्वारा सामान्य सभा की बैठक में शामिल नहीं किया गया। इस बात को लेकर कांग्रेस पार्षद संजय देवांगन ने सवाल भी उठाए हैं।
बस स्टैंड को रामपुर में करना था शिफ्ट
22 जनवरी 2016 को निगम में हुई सामान्य सभा की बैठक में कई प्रस्ताव थे। इसमें 28वें नंबर के एजेंडे में केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड को शहर के रामपुर में शिफ्ट किए जाने का प्रस्ताव लाया गया था। परिषद के एजेंडे में प्रस्ताव आने के बाद उक्त प्रस्ताव पर चर्चा हुई।
जांच के लिए भी बनाई सिर्फ टीम
वहीं इस दिन हुई सामान्य सभा की बैठक में और भी कई प्रस्ताव थे। इसमेंं तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए निरीक्षण के लिए टीम बनाई गई थी। इस टीम को निर्देश दिया गया था कि वे तालाबों का निरीक्षण करते हुए आगामी परिषद की बैठक में अपना प्रतिवेदन देंगे, जिसके आधार पर तालाबों को संवारने के लिए प्रस्ताव बनाया जाएगा, लेकिन उनका निरीक्षण प्रतिवेदन नहीं आया। खास बात यह है कि टीम का प्रतिवेदन नहीं आने की बात भी परिषद में नहीं रखी गई।
घोटाले के मामले का भी करना था जांच
वर्ष 2015 में नगर निगम में एक के बाद एक घोटाले सामने आए थे। इसमें कंटेनर घोटाला प्रमुख था। ऐसे में इन घोटालों की जांच के लिए भी 22 जनवरी 2016 की सामान्य सभा में प्रस्ताव रखा था।