आय से अधिक संपत्ति के मामले में खनिज विभाग के रिटायर्ड मुख्य बाबू की जमानत याचिका खारीज
एंटी करप्सन व्यूरों ने आय से अधिक संपत्ती का लगाया आरोप
रायगढ़
Published: May 21, 2022 08:08:25 pm
रायगढ़। एसीबी की कार्रवाई के बाद खनिज विभाग के रिटायर्ड मुख्य बाबू एलपी पाल की जमानत याचिका खारीज हो गई है। जिसके बाद रिटायर्ड मुख्य बाबू को जेल दाखिल कर दिया गया है।
विदित हो कि वर्ष २०१८ में खनिज विभाग के मुख्य बाबू एलपी पाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ती रखने की शिकायत हुई एंटी करप्सन व्यूरों से हुई थी। २०१८ में शिकायत के बाद साल भर तक इस मामले में जांच चलता रहा। जांच के बाद वर्ष २०१९ में एसीबी ने प्रकरण दर्ज किया। वहीं ३० नवंबर २०२० को एलपी पाल रिटायर्ड भी हो गए। रिटायर्ड होने के बाद एसीबी में प्रकरण चलता रहा। पिछले दिनों एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर चालान प्रस्तुत किया है। विशेष न्यायाधीश किरण कुमार जांगड़े की अदालत में उन्हें प्रस्तुत किया गया। आरोप गंभीर होने के कारण अदालत ने जमानत आवेदन खारिज करते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया है। जिसके बाद खनिज विभाग के रिटायर्ड मुख्य बाबू को जेल भेज दिया गया है।
करीब १ करोड़ अधिक खर्च का अनुमान
10 सितंबर 1981 से 25 मई 2018 के बीच कार्यकाल को एसीबी ने चिन्हित किया था। 1 मई 2001 से 9 दिसंबर 2019 के बीच आय व्यय का ब्यौरा निकाला गया । इस अवधि में पीएल पाल बाबू की आय 1,85,07,722 रुपए मिली जबकि इस दौरान कुल 2,62,55,693 रुपए व्यय किया गया। इसमें पूर्व का बचत रक़म भी जोड़े जाने की बात सामने आ रही है।
एक साथ हुए थे रिटायर्ड
वर्ष २०१९ में जब उक्त बाबू पदस्थ थे उस दौरान उप संचालक खनिज विभाग के रूप में एनएल सोनकर कार्यरत थे। और पीएल पाल नंवंबर २०२० में रिटायर्ड हुए थे तो वहीं दिसंबर माह में उप ंसचालक रिटायर्ड हुए थे। इस दौरान लाईमस्टोन, कोयले की रॉयल्टी पर्ची के अलावा अन्य प्रमुख कार्यों का जिम्मेदारी उक्त बाबू पर था।

३० नवंबर २०२० को रिटायर्ड भी हो गए एलपी पाल
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