पुलिस की जागरूकता नहीं आ रही काम
खास बात यह है कि पुलिस के द्वारा पिछले कुछ वर्षों से हमर पुलिस हमर गांव के तहत जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पुलिस की टीम गांव-गांव में पहुंचकर लोगों को जागरुक कर रही है। इसमें मानव तस्करी के संबंध में भी बताया जा रहा है। साथ ही ऐसे लुभावनी बातों में आकर किसी के साथ गांव छोड़कर न जाने की भी हिदायत दी जा रही है। लेकिन यह जानकारी लोगों पल्ले नहीं पड़ रही है।
एक बार पहले भी सौंपा जा चुका है ज्ञापन
किसी तरह वहां से भागने में सफल हुआ मूर्तिकार बसंत कुमार झारा दमदरहा सारंगढ़ निवासी अपने गांव वापस लौटने के बाद वहां बंधक बने अपने मां-बाप, भाई बहन, बहु व अन्य रिश्तेदार सहित उक्त सभी ३९ लोगों को मुक्त कराने के लिए एसपी से दो बार गुहार लगा चुका है, लेकिन इसमें किसी तरह की पहल अब तक नहीं हुई। सप्ताह भर पूर्व ग्रामीणों ने उक्त मामले में एसपी से शिकायत करते हुए बंधक मूर्तिकारों को मुक्त कराने के लिए ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सप्ताह भर तक इसमें किसी प्रकार का पहल दिखाई नहीं देने पर बुधवार को एक बार फिर से ग्रामीणों ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बंधक बने लोगों को मुक्त कराने की मांग की है।
बच्चों के साथ भी की जा रही है मारपीट
वहां ईंट भट्ठे में काम करने के बाद पर्याप्त मजदूरी राशि नहीं दी जा रही है। इसके अलावा तरह-तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है। बंधक बने परिवार में महिला पुरुष के अलावा बच्चे भी शामिल हैं जिनको ईंट भट्ठा संचालक द्वारा मारपीट किया जा रहा है।
दहशत में हैं सभी
बताया जाता है कि बंधक बने ग्रामीणों में कई लोगों ने काम छोड़कर गांव वापस लौटने का प्रयास किया, लेकिन किसी तरह पकड़ में आने के बाद संचालक द्वारा उनकी बुरी तरह पिटाई की जाती है। इसी दहशत के कारण कोई भी वहां से भागने का प्रयास नहीं कर रहा है और मदद की आस लगाए हुए हैं।