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तमिलनाडु में काम दिलाने के साथ बेहतर मजदूरी व सुविधा दिलाने का लालच देकर मजदूरों को बनाया बंधक, परिजनों ने एसपी से ये कहा…

locationरायगढ़Published: Oct 18, 2018 12:49:55 pm

Submitted by:

JYANT KUMAR SINGH

– पीडि़त परिजनों ने बंधक बने रिश्तेदारों को छुड़ाने की मांग की

तमिलनाडु में काम दिलाने के साथ बेहतर मजदूरी व सुविधा दिलाने का लालच देकर मजदूरों को बनाया बंधक, परिजनों ने एसपी से ये कहा...

तमिलनाडु में काम दिलाने के साथ बेहतर मजदूरी व सुविधा दिलाने का लालच देकर मजदूरों को बनाया बंधक, परिजनों ने एसपी से ये कहा…

रायगढ़. जिले के श्रमिकों को नौकरी दिलाने व अच्छी रकम दिलवाने के नाम पर बहला-फुसला कर बाहर ले जाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले तेलंगाना में बंधक बने एकताल के झारा शिल्पकारों को छुड़ा कर लाई है। वहीं अब यह बात सामने आ रही है कि सारंगढ़ क्षेत्र के दमदरहा गांव के ३९ मजूदरों को तमिलनाडु के एक ईंट भट्ठा में बंधक बना लिया गया है। इस बात की शिकायत लेकर पीडि़त परिजन एसपी कार्यालय पहुंचे थे। वहीं पीडि़त परिजनों ने बंधक बने रिश्तेदारों को छुड़ाने की मांग की है।
एसपी कार्यालय पहुंचे पीडि़त परिवार के सदस्य बसंत कुमार झारा ने बताया कि बैगीनडीह का रहने वाला वासुदेव करीब दो से ढाई माह पूर्व गांव में आया और सभी मूर्तिकारों को तमिलनाडु में काम दिलाने के साथ बेहतर मजदूरी दिलाने व सुविधाएं दिलाने का लालच दिया। इससे गांव के करीब ४० मूर्तिकार उसके साथ तमिलनाडु के रामकुंडम से कर्राचीरहा ले गया।
कर्राचीरहा से 5 किलोमीटर दूर जंगल में स्थित झावर सेठ के ईंट भट्ठे में काम दिला दिया। इसके बाद वहां कुछ समय तक सभी सुविधाएं दी गई, लेकिन सप्ताह भर बाद जब मजदूरों ने ईंट बनाने को लेकर विरोध किया तो ईंट भट्ठा संचालक झावर सेठ द्वारा उक्त मजदूरों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। काफी लंबे समय तक चले इस घटना के बाद किसी तरह से एक माह पूर्व बसंत कुमार गांव वापस लौटा, लेकिन भयवश वह किसी को कुछ नहीं बताया। बाद में जब उसके परिवार को अधिक प्रताडि़त करने की खबर मिली तो वह ग्रामीणों के साथ पुलिस अधीक्षक दीपक झा से मिलकर बंधक बने मजदूरों को मुक्त कराने गुहार लेकर पहुंचा।
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पुलिस की जागरूकता नहीं आ रही काम
खास बात यह है कि पुलिस के द्वारा पिछले कुछ वर्षों से हमर पुलिस हमर गांव के तहत जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पुलिस की टीम गांव-गांव में पहुंचकर लोगों को जागरुक कर रही है। इसमें मानव तस्करी के संबंध में भी बताया जा रहा है। साथ ही ऐसे लुभावनी बातों में आकर किसी के साथ गांव छोड़कर न जाने की भी हिदायत दी जा रही है। लेकिन यह जानकारी लोगों पल्ले नहीं पड़ रही है।

एक बार पहले भी सौंपा जा चुका है ज्ञापन
किसी तरह वहां से भागने में सफल हुआ मूर्तिकार बसंत कुमार झारा दमदरहा सारंगढ़ निवासी अपने गांव वापस लौटने के बाद वहां बंधक बने अपने मां-बाप, भाई बहन, बहु व अन्य रिश्तेदार सहित उक्त सभी ३९ लोगों को मुक्त कराने के लिए एसपी से दो बार गुहार लगा चुका है, लेकिन इसमें किसी तरह की पहल अब तक नहीं हुई। सप्ताह भर पूर्व ग्रामीणों ने उक्त मामले में एसपी से शिकायत करते हुए बंधक मूर्तिकारों को मुक्त कराने के लिए ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सप्ताह भर तक इसमें किसी प्रकार का पहल दिखाई नहीं देने पर बुधवार को एक बार फिर से ग्रामीणों ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बंधक बने लोगों को मुक्त कराने की मांग की है।

बच्चों के साथ भी की जा रही है मारपीट
वहां ईंट भट्ठे में काम करने के बाद पर्याप्त मजदूरी राशि नहीं दी जा रही है। इसके अलावा तरह-तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है। बंधक बने परिवार में महिला पुरुष के अलावा बच्चे भी शामिल हैं जिनको ईंट भट्ठा संचालक द्वारा मारपीट किया जा रहा है।

दहशत में हैं सभी
बताया जाता है कि बंधक बने ग्रामीणों में कई लोगों ने काम छोड़कर गांव वापस लौटने का प्रयास किया, लेकिन किसी तरह पकड़ में आने के बाद संचालक द्वारा उनकी बुरी तरह पिटाई की जाती है। इसी दहशत के कारण कोई भी वहां से भागने का प्रयास नहीं कर रहा है और मदद की आस लगाए हुए हैं।

-यह शिकायत मुझ तक नहीं पहुंची है। इस तरह की बात है तो मामले की जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी- हरिश राठौर, एएसपी, रायगढ़

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