पुलिस ने बताया कि सुधांशु बीटेक इंजीनियर है और एमपी बिड़ला गु्रप में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत था। इसके बाद शार्ट-कर्ट तरीके से रुपए कमाने एटीएम क्लोनिंग का काम शुरू किया। धीरे से वह गिरोह बनाकर स्वयं मास्टर माइंड बन गया।
यू-ट्यूब से देखकर मंगाया था स्कीमर
गिरोह के मास्टर माइंड ने पुलिस को बताया कि वह यू-ट्यूब से एटीएम क्लोनिंग के लिए स्कीमर मशीन देखा। वहीं इसके बाद अली बाबा शापिंग एप से ऑनलाइन ऑर्डर कर उसे मंगाया। एटीएम में उस स्टीमर को फीट कर देते थे, जिसके बाद संबंधित उपभोक्ताओं के एटीएम का सारा डाटा हैक हो जाता था और फिर उपभोक्ता के जाने के बाद उसके खाते से राशि आहरण कर ली जाती थी।