नवरात्र के दूसरे विधि विधान से हुआ माता ब्रम्हचारिणी की अराधना
माता के दर्शन पाने सुबह से पहुंच रहे भक्त
घर-घर में हो रहा माता का पाठ
रायगढ़
Published: April 03, 2022 08:16:14 pm
रायगढ़. चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन अंचल के देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ नजर आने लगी है। साथ ही कई लोग अपने घर में भी माता की चौकी रखकर पूजा कर रहे हैं। इस दौरान रविवार को माता के दूसरा रूप ब्रम्हचारिणी की धूमधाम से पूजा-अर्चना हुई। इस दौरान सुबह के समय शहर के बुढी माई में मंदिन में भक्त कतारबद्ध दिखे, साथ ही शाम के समय आरती में शामिल होने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता नजर आई।
नवरात्र के नौ दिनों तक चलने वाले शक्ति की अराधना के इस पर्व में माता के अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती है। जिसका माहौल शहर सहित ग्रामीण अंचलों में देखने को मिल रहा है, इस दौरान अंचल के प्रसिद्ध देवी मंदिर जैसे चंद्रपुर स्थित चंद्रहासिनी माता, नाथल दाई मंदिर सहित तराईमाल स्थित बंजारी माता के मंदिर में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। हालांकि दोपहर के समय धूप तेज होने के कारण ज्यादातर लोग सुबह के समय ही माता के दर्शन कर लौट जा रहे हैं। वहीं दूर-दराज के भक्त ऐसे समय में पहुंच रहे हैं ताकि उनको माता के आरती का भी लाभ मिल सके। हालांकि मंदिर समिति द्वारा भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए पानी सहित अन्य व्यवस्था की गई है। वहीं रविवार को माता का दूसरा रूप ब्रम्हचारिणी देवी की अराधना की गई। इस संबंध में पंडित राजकुमार चौबे ने बताया कि नवरात्र के नौ दिन बहुत विशेष होता है। इस कारण अलग-अलग दिन अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, इन नौ रूपों का एक अलग ही महत्व हैं। उन्होंने बताया कि वेदों के अनुसार ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली है। ऐसे में मां ने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। इस कठिन तपस्या के कारण इस देवी को ब्रह्मचारिणी नाम से अभिहित किया गया है। इनकी विधि-विधान से अराधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
तीन साल बाद बढ़ी रौनक
विगत तीन साल से कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर आने पर भी प्रतिबंध था, लेकिन अब स्थिति सामान्य होते ही अब पूरी तरह से रौनक लौट आई है। ऐसे में पूजारियों की मानें तो सुबह व शाम के समय मंदिर में अच्छा-खासा भक्तों की भीड़ नजर आ रही है। वहीं शाम के समय माता के आरती में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हो रहे हैं। साथ ही शहर के बुढ़ी माई मंदिर में शाम से ही देर रात तक भजन-कीर्तन का दौर चल रहा है।
आज होगी मां चंद्रघंटा की पूजा
नवरात्र के तीसरे सोमवार को मां चंद्रघंटा की आराधना की जाएगी, इस संबंध में वेदों के अनुसार मां का यह रूप बेहद ही सुंदर, मोहक और अलौकिक है। चंद्र के समान सुंदर मां के इस रूप से दिव्य सुगंधियों और दिव्य ध्वनियों का आभास होता है। मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है इसलिए इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इनके शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है।

नवरात्र के दूसरे विधि विधान से हुआ माता ब्रम्हचारिणी की अराधना
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