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वीआईपी वाहन चकाचक और कचरा वाहन कबाड़ में हो रहे तब्दील

locationरायगढ़Published: Mar 18, 2019 11:38:52 am

Submitted by:

Shiv Singh

कुछ साल पहले खरीदे गए वाहनों की हालत हो गई जर्जर

कुछ साल पहले खरीदे गए वाहनों की हालत हो गई जर्जर

वीआईपी वाहन चकाचक और कचरा वाहन कबाड़ में हो रहे तब्दील

रायगढ़. नगर निगम के वाहनों की दशा खराब है। वीआईपी वाहनों को छोड़ दे तो बाकी के वाहनों की हालत भगवान भरोसे ही चल रही है। सबसे खराब दशा में सफाई विभाग के वाहन की है। सफाई शाखा में करीब नौ वाहने चल रही है। इसमें चार ट्रैक्टर के अलावा तीन आटो व दो डंपर है। इसमें ट्रैक्टर की हालत ऐसी हो गई है कि न तो इसमें हेड लाइट लगी हुई है और ना ही हार्न बजता है। ऐसे में शाम होते ही इस वाहन को डर-डर कर चलाया जाता है। इसके अलावा दिन के समय भी इसे चलाने में परेशानी होती है। इसके अलावा दो साल पूर्व ही सफाई के दो डंपर की खरीदी भी की गई थी। इसकी हालत भी खराब हो चुकी है। इस वाहन के सामने का हिस्सा पूरी तरह से खराब हो चुका है। पूर्व में वाहन की ठोकर भी हो गई थी। इससे सामने लगा कांच टूट गया था। दोनों डंपरों की यहीं हालत है। इसके अलावा सफाई विभाग में दो आटो का भी उपयोग किया जा रहा है। एक आटो में परमानेंट फागिंग मशीन लगाई गई है। वहीं दूसरी आटो में कचरा उठाने के लिए उपयोग में लाया जा रहा था, लेकिन इसकी भी स्थिति खराब हो गई है।

रख रखाव में लाखों खर्च
इन वाहनों में रख-रखाव की बात करे तो इसके लिए प्रतिमाह लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। कभी डंपर में मरम्मत के नाम पर हजारों रुपए खर्च किए जाते हैं, तो कभी टे्रक्टरों में मरम्मत के नाम पर खर्च किए जाते हैं। इसके बाद भी ये वाहन कंडम के कंडम ही है। वहीं सफाई विभाग भी इन वाहनों के मरम्मत में आने वाले खर्च को आंख मूंद कर स्वीकृति दे रही है।

वाहनों से नंबर गायब
नगर निगम के कई वाहनों में रजिस्टेशन नंबर भी नहीं है। हलांकि पिछले साल इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने की कवायद शुरू की गई थी। इस दौरान यह स्थिति निर्मित हुई थी कि करीब ६ वाहनों के दस्तावेज ही नहीं मिल रहे थे। काफी मशक्कत के बाद इन वाहनों के दस्तावेज मिले। रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ कार्यालय भेजा गया। इस तरह कुछ वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हो सका है। शेष का नहीं।

छह माह में पार्ट्स ढीले
नगर निगम के द्वारा संसाधन के रूप में नए वाहन तो खरीदे जाते हैं, लेकिन इनके रख-रखाव को लेकर निगम के अधिकारी गंभीर नहीं होते हैं। इसकी वजह से छह माह में वाहनों के पाटर््स खराब होने लगते हैं। वहीं कई बार स्थिति यह होती है कि इनके सामान खराब होने के बाद बदले नहीं जाते हैं। ऐसे में जल्द ही नए वाहन कबाड़ में तब्दील होते हैं।

नगर निगम में चलने वाले कुछ वाहनों की हालत खराब है। इसकी बात की जानकारी ली गई है। आने वाले दिनों में वाहनों की दशा में सुधार होगा। वहीं मेंटेंनेंस के लिए गंभीरता बरती जाएगी, ताकि अनावश्यक परेशान होना नहीं पड़े।
रमेश जायसवाल, आयुक्त, नगर निगम

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