scriptMurder cases are increasing year by year in the district | जिले में साल दर साल हत्या के मामले में हो रहा इजाफा | Patrika News

जिले में साल दर साल हत्या के मामले में हो रहा इजाफा

locationरायगढ़Published: Jan 17, 2023 08:47:58 pm

Submitted by:

CHITRANJAN PRASAD

0 विगत तीन साल में 180 लोगों की हो चुकी है हत्या
0 इस साल 38 हत्या के मामले हुए दर्ज

raigarh
जिले में साल दर साल हत्या के मामले में हो रहा इजाफा
रायगढ़. जिले में साल दर साल अपराध के ग्राफ में तेजी से इजाफा हो रहा है। इन अपराधों में ज्यादातर मामले पुरानी रंजिश और क्षणिक आवेश में आकर हत्या जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में विगत तीन सालों की अपेक्षा 2022 में ज्यादातर मामले सामने आए हैं। वहीं हत्या के प्रयास के मामले भी काफी बढ़ा है, जिससे पुलिस ने कुछ मामलों को खात्मा तो कुछ में चालान पेश कर चुके हैं।
गौरतलब हो कि जिले में जितने तेजी से विकास हो रहा है उतने ही तेजी से अपराध का ग्राफी भी बढ़ रहा है, लेकिन इन अपराधों में ज्यादातर ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें पुरानी रंजिश और क्षणिक आवेश में आकर लोग एक दूसरे के खून के प्यासे बन जा रहे हैं। हालांकि पुलिस इन मामलों को लेकर काफी गंभीरता बरतते हुए तत्काल मामला दर्ज कर आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा रहे हैं। वहीं पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2020 में जहां हत्या के 48 मामले दर्ज हुए थे वहीं 2021 में इसकी संख्या बढक़र 63 हो गई, साथ ही 2022 में अलग-अलग कारणों से 69 लोगों की हत्या हो चुकी है। हालांकि पुलिस ने इन मामलों में गंभीरता बरतते हुए कुछ तो खात्मा में चले गए, लेकिन कुछ को चालान पेश किया जा चुका है। जिससे हत्या के आरोपी अभी सजा भुगत रहे हैं। वहीं अलग-अलग कारणों से हत्या के प्रयास के मामले भी बढ़ हुए हैं। जिसमें साल 2022 में ही 38 मामले सामने आ चुके हैं।
क्षणिक आवेश के चलते बढ़ रहे अपराध
इस संबंध में जानकारों की मानें तो इन हत्याओं का मुख्य कारण क्षणिक आवेश हैं, क्योंकि इन दिनों छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद इतना बढ़ जा रहा है कि लोग उसके परिणाम को नजर अंदाज करते हुए हत्या जैसे कदम उठा ले रहे हैं, लेकिन जब इस तरह की घटना हो जाती है तब पछतावा होता है, लेकिन तब तक इतना देर हो जाती है कि सालों उनको सलाखों के पीछे गुजारना पड़ता है। साथ ही हत्या जैसे संगीन मामले ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में होता है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के हाथों में हमेशा टंागी रहता है, जिसके चलते आवेश में आकर तत्काल प्राणघातक प्रहार कर देते हैं।
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एक्सपर्ट ब्यू- डा. राजेश अजगल्ले
इस संबंध में मेडिकल कालेज के मनोरोग विभाग के एचओडी डॉ. राजेश अजगल्ले का मनाना है कि ज्यादातर हत्याएं रंजिश और नशा के चलते होती है। वहीं कई मामले ऐसे भी आते हैं, जिसमें नशे की लत लग जाने के कारण जब उसे पैसे नहीं मिलता है तो अपने ही माता-पिता की हत्या कर बैठते हैं। साथ ही अब लोगों में सहन शक्ति कम हो गया है, जिसके चलते जमीन विवाद हो या पति-पत्नि में मनमुटाव जैसे मामले में भी हत्या जैसे संगीन मामले समने आते हैं। हालांकि इस तरह के आरोप में जब जेल दाखिल होते हैं उनका उपचार के समय ज्यादातर जानकारी यही आती है कि कुछ नशे में हत्या कर दी तो कुछ नशा नहीं मिलने के कारण हत्या की है।
तीन साल में हुई हत्या
साल हत्या खात्मा चालान
२०२० में ४८ २ ४६
२०२१ में ६३ ३ ६०
२०२२ में ६९ ० ५९
योग १८० ०५ १६५
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तीन साल में हत्या का प्रयास
साल खत्मा चालान
२०२० में २८ ०१ २६
२०२१ में २५ ०१ २३
२०२२ में ३८ ०१ २९
योग ९१ ०३ ७८
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