प्राईवेट स्कूलों आरटीई के मापदंडों को लेकर जांच के नाम पर हुई खानापूर्ति
जिले के २४४ प्राईवेट स्कूलों में से एक में भी नहीं मिली कोई खामियां
रायगढ़
Published: April 20, 2022 08:38:02 pm
रायगढ़। शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई के मापदंडों को लेकर पिछले दिनों जिले के २४४ प्राईवेट स्कूलों का परीक्षण कर उनको हरी झंडी दे दी गई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इन सभी स्कूलों में से एक स्कूल में भी आरटीई के मापदंड के आधार पर कोई खामियां नहीं मिली है।
विदित हो कि इन दिनों जिला मुख्यालय की बात करें या ग्रामीण क्षेत्र दोनो ही जगहों में कई ऐसे प्राईवेट स्कूल संचालित हैं जहां न तो बच्चों के खेलने के लिए खेल मैदान नहीं है। ऐसी स्थिति में आरटीई के मापदंडों को लेकर हरी झंडी दिया जाना लोगों के समझ से परे है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो गठित जिला स्तरीय टीम और नोडल अधिकारियों द्वारा नियमानुसार ८ प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ोततरी, पूर्व में आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों की वर्तमान स्थिति और नए सत्र में प्रवेश के लिए दिए गए आरक्षित सीटों की संख्या सहित अन्य बिंदुओं पर जांच करना बताया गया। लेकिन इस बात की जांच नहीं की गई कि प्राईवेट स्कूलों द्वारा तय किए गए फीस के हिसाब से बच्चों को किस स्तर की सुविधा दी जा रही है। आरटीई के मापदंड के आधार पर एक स्कूल में क्या क्या होना चाहिए और इसकी पूर्ति है या नहीं। इन तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दिया गया है। विभाग द्वारा जारी रिलीज में यह भी बताया गया है कि निरीक्षण के द्वारा निरीक्षण दलों ने प्राईवेट स्कूल प्रबंधन को कड़ी चेतावनी दी है कि भविष्य में फीस नियमन समिति के अनुमोदन नहीं होने, मान्यता संबंधी नियमों की अनदेखी करने अथवा 8 प्रतिशत से अधिक की शुल्क वृद्धि किए जाने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
किस ब्लाक में कितने स्कूल
जिले के 9 विकास खंडों में अशासकीय स्कूलों में मान्यता, शुल्क वृद्धि व आरटीई के तहत दिए गए प्रवेश संबंधी दस्तावेजों की जांच करने के लिए गठित जिला निरीक्षण दल व 9 नोडल अधिकारी प्राचार्यों द्वारा रायगढ़ के 17, पुसौर के 20, सारंगढ़ के 48, बरमकेला के 38, खरसिया के 18, तमनार के 24, लैलूंगा के 34, धर्मजयगढ़ के 31 व घरघोड़ा के 14 सहित जिले के कुल 244 अशासकीय विद्यालयों का सघन निरीक्षण किया गया।
इन तथ्यों पर संज्ञान नहीं
नियमानुसार कोई भी स्कूल प्रबंधन शैक्षणिक सामग्री के लिए एक दुकान से खरीदी के लिए बाध्य नहीं कर सकता है लेकिन स्कूल प्रबंधन व बूक डिपो के गठजोउ़ से पालकों को मजबूर किया जा रहा है। यह बात समय -समय पर सामने आते रहती है लेकिन इन तथ्यों पर कभी विभाग ने कोई जांच ही नहीं किया ।
वर्सन
सभी स्कूलों की जांच टीम व नोडल अधिकारियों द्वारा किया गया है कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। प्रबंधनों को हिदायत दिया गया है।
आरपी आदित्य, डीईओ रायगढ़

शिक्षा विभाग का कार्यालय
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