न तो सेवा सहकारी सोसायटी में सत्यापन न ही निजी दुकानों की जांच
रायगढ़Published: Jul 01, 2023 08:57:11 pm
सीजन के बाद होती है खाद के कालाबाजारी की जांच


सीजन के बाद होती है खाद के कालाबाजारी की जांच
रायगढ़। सेवा सहकारी समितियों व निजी दुकान संचालकों के सांठ-गांठ से जिले में पिछले वर्षों में खाद की कालाबाजारी हुई है। जिसको लेकर कृषि विभाग ने अब तक सबक नहीं लिया है। यही कारण है कि इन दिनों खाद के भंडारण के बाद न तो सेवा सहकारी समितियों में सत्यापन किया गया जा रहा है न ही निजी दुकानों की जांच की जा रही है।
पूर्व वर्षों में जिले में खाद की कालाबाजारी को लेकर कई कारनामे हुए हैं, खरसिया के हरिराम सुल्तानिया के यहां बिना पीओएस मशीन से ही खाद की विक्रय कर गड़बड़ी की गई थी। इसके अलावा सारंगढ़ क्षेत्र के कुछ सेवा सहकारी समितियों में किसानों के बिना डिमांड के ही उनके नाम पर खाद का ऋण दिखाकर खाद को बाहर बाजार में विक्रय कर दिया गया था। इसके अलावा पुसौर क्षेत्र में भी निजी खाद दुकानों में पिछले वर्ष जांच के दौरान गड़बड़ी मिली थी। उक्त सभी मामले पूर्व वर्षों में भी सीजन खत्म होने के बाद सामने आया था। जिसके बाद इस वर्ष कृषि विभाग ने खाद दुकानों की जांच के लिए जिला स्तरीय एक समिति गठित की है, लेकिन अभी तक समिति द्वारा न तो जिले निजी दुकानों की जांच की जा रही है न ही सेवा सहकारी समितियों का सत्यापन किया जा रहा है। जिसके कारण फिर से इस तरह के गड़बड़ी होने के अंदेशा से इंकार नहीं किया जा सकता है।
डुप्लीकेट किटनाशक का मामला भी आया था सामने
विदित हो कि पिछल वर्षों में छातामुड़ा चौंक के समीप ब्रांडेड कंपनी की डुप्लीकेट किटनाशक दवा पैक कर विक्रय करने का मामला सामने आया था।जिसमें कंपनी के अधिकारियों ने बताया था कि सरकारी खाद दुकानों में भी उक्त दवा की सप्लाई हो गई थी। हांलाकि इस मामले में बड़े पैमाने पर ब्रांडेड कंपनी की किटनाशक बड़े पैमाने पर जब्त किया था।
वर्सन
खाद और किटनाशक दोनो पर विभाग की नजर है, खाद की जांच के लिए जिला स्तरीय समिति बनाई गई है जो समय-समय पर जांच कर रही है।
अनिल वर्मा, उप संचालक कृषि विभाग