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दूसरे दिन पार्षदों के टारगेट में रहे अधिकारी भरी सभा में लगाया मिलीभगत का आरोप

locationरायगढ़Published: Jan 06, 2018 01:02:09 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

निगम के एजेंडा में तीसरा प्रस्ताव जिला जेल परिसर व मिनी स्टेडियम के दुकान आवंटन की स्वीकृति के लिए लाया गया था।

दूसरे दिन पार्षदों के टारगेट में रहे अधिकारी भरी सभा में लगाया मिलीभगत का आरोप
रायगढ़. नगर निगम में आयोजित सामान्य सभा में दूसरे दिन शुक्रवार को भी जोरदार हंगामा हुआ। दूसरे दिन की बैठक में यह हंगामा दुकान के आवंटन और नामांतरण को लेकर हुआ। इस एजेंडा को लेकर पार्षदों ने अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवालियां निशान लगाते हुए आरोप लगाया कि दुकान का आवंटन मिली भगत से किया गया। वहीं प्रत्येक नामांतरण पर 50 हजार की राशि निर्धारित होने का आरोप भी लगाया। इस बात को लेकर सदन में लंबी बहस चली। वहीं बहस के बाद भी निष्कर्ष नहीं निकले पर इसे आगामी बैठक में पूरे दस्तावेज के साथ प्रस्तुत किए जाने का निर्णय लिया गया।
सामान्य सभा की स्थगित बैठक शुक्रवार को शुरू हुई। इस बैठक में दूसरे दिन प्रश्नकाल के बाद एजेंडे पर चर्चा किया गया। इसमें लाए गए तीसरे और चौथे प्रस्ताव पर जमकर हंगामा हुआ। निगम के एजेंडा में तीसरा प्रस्ताव जिला जेल परिसर व मिनी स्टेडियम के दुकान आवंटन की स्वीकृति के लिए लाया गया था। इस प्रस्ताव को सदन में चर्चा के लिए रखते ही पार्षद शरद सराफ ने आपत्ति की। उनका कहना था कि दुकानों को गलत तरीके से आवंटन किया गया है। वहीं सदन में यह बात रखी कि शहर के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए दुकानों में आरक्षण तय किया गया है। इस आरक्षण में हर वर्ग के लिए दुकान आरक्षित है।
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अधिकांश यह देखा गया है कि सामान्य वर्ग की दुकानों में ज्यादा दर आता है, लेकिन मिनी स्टेडियम में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित दुकानों का कम दर आया है। इससे निगम का नुकसान होगा। हालांकि कांग्रेस पार्षद शाखा यादव व संजय देवांगन इसका विरोध करते रहे। उनका तर्क था कि नगर निगम ने विधिवत इन दुकानों के लिए आफर दर मंगाया था, जिसमें उन्होंने भाग लिया। वहीं अब जब आफर दर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है तो संबंधितों को दुकान आवंटन किया जाना चाहिए। इस बात को लेकर काफी हो-हंगामा की स्थिति निर्मित हुई। वहीं निगम के राजस्व प्रभारी राघवन सिंह ने सदन में यह बताया कि उक्त दुकान आवंटन के लिए तीन बार आफर दर मंगवाई गई, लेकिन कोई भी हितग्राही इसे लेने के लिए नहीं आ रहे थे।
अब जब हितग्राही दुकान लेने के लिए आए हैं तो आवंटन किया जाना चाहिए। ऐसे में यह बात उठी कि तीनों बार किए गए आफर दर के टेंडर की पूरी जानकारी दी जाए, लेकिन अधिकारियों के पास इसकी जानकारी नहीं थी। ऐसे में पूरी जानकारी के साथ आगामी सामान्य सभा में इसे लाए जाने का प्रस्ताव दिया गया।

फिर आमने सामने हुए भाजपा के पार्षद
सामान्य सभा में भाजपा पार्षद आमने-सामने हुए। यह स्थिति तब निर्मित हुई जब दुकान आवंटन को लेकर सदन में चर्चा चल रही थी। दुकान आवंटन की स्वीकृति देने के लिए कांग्रेसी पार्षद शाखा यादव व संजय पटेल के साथ दीपेश सोलंकी, कौशलेष मिश्रा, अशोक यादव नजर आए, जबकि इसके विरोध नेता प्रतिपक्ष पंकज कंकरवाल, चंद्र प्रकाश पाडेंय, सीनू राव, शरद सराफ के साथ एल्डर मैन भी रहे। इस बात को लेकर भाजपा पार्षद ही एक दूसरे से भिड़े रहे।

यातायात विभाग से लेनी होगी अनुमति
मारवाड़ी युवा मंच के द्वारा शहर के राम निवास टाकीज चौक पर अग्र समाज के महराजा अग्रसेन की प्रतिमा स्थापित किए जाने का आवेदन दिया गया है। इस आवेदन को एमआईसी परिषद में भेजा गया था। सदन में परिषद में चर्चा के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि इस विषय पर यातायात विभाग से एनओसी लेनी होगी। ताकि प्रतिमा लगाए जाने के बाद यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो। हालांकि इससे पहले यह चर्चा हुई कि उक्त चौक काफी छोटा है। यहां प्रतिमा स्थापित किए जाने से यातायात प्रभावित होगा। मौजूदा समय में इस चौक पर यातायात जाम होने की काफी समस्या रहती है। प्रतिमा लगाए जाने के बाद यह समस्या और बढ़ सकती है।

नामांतरण के लिए 50 हजार है फिक्स
इसके ठीक बाद नामांतरण का प्रस्ताव आया। इस प्रस्तव में भी जोरदार हंगामा हुआ। इसके पीछे कारण यह था कि नगर निगम ने जो प्रस्ताव लाया था वह आधा-अधूरा था। बताया गया कि कई ऐसे भी हितग्राही है, जिन्होंने नामांतरण का प्रस्ताव दिया हुआ है, लेकिन उनके नामांतरण के प्रस्ताव को सदन में नहीं लाया गया। इसी बीच पार्षद शरद सराफ ने निगम के अधिकारियों पर यह आरोप भी लगाया कि नामांतरण के लिए 50 हजार की राशि फिक्स है, जो हितग्राही यह चढ़ावा चढ़ाता है उसके नामांतरण को आगे बढ़ाया जाता है। इसकी वजह से अन्य हितग्राहियों की फाइल सदन में नहीं लाई गई है। इस बात को लेकर भी काफी हंगामा हुआ। इस प्रस्ताव को निरस्त किए जाने के पक्ष में कांग्रेस पार्षद शाखा यादव सहित अन्य पार्षद भी थे। काफी हो-हंगामा के बाद इसमें यह निर्णय लिया गया कि पूरे प्रकरण के साथ इसे आगामी बैठक में लाया जाए।

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