घटना के बाद पीडि़त परिजन उसे इलाज के लिए लैलूंगा अस्पताल लेकर गए जहां से उसे रायगढ़ रेफर कर दिया गया। इस दौरान पीडि़त परिजन नित्यानंद का इलाज जिंदल अस्पताल में करा रहे थे। जहां उसके तबीयत में सुधार नहीं होने पर डॉक्टरों ने सुना दिया कि आप चाहे तो इसे घर ले जा सकते हैं। चूंकि नित्यानंद के परिजनों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी, ऐसे में वे ज्यादा दिन नित्यानंद को निजी अस्पताल में नहीं रख सकते हैं। इसलिए पीडि़त परिजन उसे 24 मई को घर ले गए। जहां रात में नित्यानंद की मौत हो गई।
घर में पसरा मातम
पुलिस ने बताया कि मृतक के बेटे की शादी होने वाली थी। इसलिए पूरे परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन अचानक हुए इस हादसे से पीडि़त परिवारों की खुशी मातम में बदल गई। ज्ञात हो कि शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा मवेशियों की संख्या बढ़ गई है। जोकि सड़क पर हुडदंग मचाते नजर आते हैं। जिम्मेदार इन मवेशियों को पकड़कर कांजीहाऊस ले जाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं।