बैठक में आए युवा वालेंटियर्स ने कहा कि राजस्थान पत्रिका के इस महाअभियान चेंजमेकर से काफी बदलाव आ राह है। महिलाओं सहित युवा व बुजुर्ग मतदाताओं का रुख बदल रहा है।
सोच नई, जोश नया
हम देश के युवा मतदाता हैं, जिनकी संख्या सभी से अधिक है। हमारी सोच नई है, जोश नया है और इसी जोश और अच्छी सोच का प्रयोग करके ही हम नए भारत का निर्माण कर पाएंगे। इसके लिए सबसे जरूरी है कि हम राजनीति में अधिक से अधिक भाग लें और नए व साफ छवि के प्रत्याशी को जीत दिलवाकर देश के निर्माण की जिम्मेदारी दें- मनोज मेहर, कोतरारोड, रायगढ़
महिलाएं भी समझें अपनी जिम्मेदारी
आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के समान काम कर रही हैं। उनके अंदर चांद तक पहुंचने का माद्दा है तो फिर राजनीति के क्षेत्र में व आज भी अपने पति के पीछे क्यों खड़ा रहना चाहती हैं। महिला चाहे उम्मीदवार के रूप में हो या फिर वोटर के रूप में सभी को अपनी अहमितय और नारी शक्ति को समझना होगा। यदि महिलाओं ने राजनीति के क्षेत्र में स्वयं से निर्णय लेना शुरू किया तो निश्चित तौर पर देश का विकास सबसे तेज होगा।
चिरंजीव देवांगन, बोईदादर
बुजुर्गों की सीख को करें आत्मसात
हमारे बड़े बुजुर्गों ने समाज की नीव रखने के साथ ही हर वर्ग के लिए एक जिम्मेदारी तय की है। लोगों को एक समाजिक व परिवारिक रिश्तों के बंधन में बांधने का काम किया है। इसी व्यवस्था की बदौलत मनुष्य एक समाज में रह रहा है और देश और विश्व भी इसी व्यवस्था पर चल रहा है। इसलिए हमें चाहिए कि उन्हीं बड़े बुजुर्गों की सीख पर युवा भी चलें और उनके दिए विचारों के बल पर अच्छे प्रत्याशी को जीत दिलाकर आगे लाएं – अरुण सिंह ठाकुर, चांदनीचौक
मतदाता है सबसे बड़ा चेंजमेकर
देश में चेंजमेकर्स की बात करें तो सबसे बड़ा चेंजमेकर हमारा मतदाता है। मतदाता यह शतप्रतिशत अपने मत का प्रयोग करे और सही प्रत्याशी के ऊपर बटन दबाए तो राजनेता भी जाति धर्म और वर्ग पर राजनीति करना बंद कर देंगे। वह देश के लिए सोचेंगे और वहीं करेंगे जो लोगों व समाज की भलाई के लिए हो। जो नेता राजनीति करेगा वह इस दौड़ से आउट हो जाएगा और जो समाजसेवा करेगा वही रेस में शामिल रहेगा।
केशव सोनी, कोष्टापारा