आरोपी ने 30 दिनों में पुरी, प्रयागराज, बनारस, सिरडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर सहित लगभग 30 शहरों के अलग-अलग ठिकानों में पनाह ली। पुलिस उसके लोकेशन को ट्रैस करती, उससे पहले ही वह वहां से निकल जा रहा था। आखिर पुलिस ने उसे ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्र रेंगालपाली से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने मीडिया के सामने उसकी गिरफ्तारी पेश करके यह भी दावा किया कि जल्द ही वह इस मामले में अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लेगी।
जानकारी के मुताबिक 11 अप्रैल की रात सहायक कलक्टर मयंक चतुर्वेदी खनिज विभाग के अधिकारी एसएस नाग और राकेश वर्मा के साथ टिमरलगा क्षेत्र में अवैध खदान पर कार्रवाई करने गए थे। इस दौरान जिला प्रशासन की गाड़ी देखकर अमृत पटेल अधिकारियों से गाली गलौज करने लगा था। मामला बढऩे पर उसने जेसीबी चालक से प्रशासन की गाड़ी पर जेसीबी का डोम पटकवा दिया।
इस हादसे में लोग बाल-बाल बच गए। जब इतने से बात नहीं बनी तो पटेल ने प्रशिक्षु आईएएस मयंक चतुर्वेदी को जेसीबी के टायर के नीचे कुचले का प्रयास किया, इसमें उन्हें चोटें भी आई थी।
इसी दौरान चंद्रपुर पुलिस को आता देख आरोपी वहां से फरार हो गया। अगले दिन सहायक कलक्टर चतुर्वेदी की शिकायत पर प्रशासन की टीम पर हमला करने सहित अन्य कई धाराओं के साथ सारंगढ़ थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पांच हजार का रखा था ईनाम आरोपी अमृत पटेल व उसके फरार साथियों को गिरफ्तार न कर पाने से पुलिस की चारों तरफ किरकिरी हो रही थी। बढ़ते दबाव को देखते हुए एसपी राजेश अग्रवाल ने आरोपी की गिरफ्तारी व उसकी सही जानकारी देने वाले को 5000 रुपए का ईनाम देने की घोषणा भी की थी।
आरोपी को पकडऩे चार टीमों को हुआ था गठन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि आरोपी को पकडऩे के लिए आठ सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। इसी दौरान पुलिस को आरोपी के भुवनेश्वर में छिपकर रहने की सूचना मिली। पुलिस ने चार टीम बनाकर अलग-अलग स्थानों में दबिश देने के लिए भेजा। इसके बाद टीम ने आरोपी का पीछा करते हुए रेंगालपाली ओडिसा बार्डर के पास गुरुवार दोपहर अमृत पटेल और उसके साथी कन्हैया पटेल को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी का पुराना है पुलिस रिकार्ड आरोपी अमृत पटेल के खिलाफ यह कोई पहला मामला नहीं दर्ज हुआ है। इससे पहले भी उसके खिलाफ साल 2002 से अब तक कई मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से कई मामलों में वह पहले भी गिरफ्तार हो चुका है और कई मामले अभी भी न्यायालय में विचाराधीन हैं।