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व्यापारियों ने बढ़ा दिया मक्के का दर तो केंद्रों में पूरी तरह से खरीदी हुई ठप

locationरायगढ़Published: Jun 03, 2019 05:23:49 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

पहली बार जिले में इतनी अधिक मात्रा में हुई मक्के की खरीदी

पहली बार जिले में इतनी अधिक मात्रा में हुई मक्के की खरीदी

पहली बार जिले में इतनी अधिक मात्रा में हुई मक्के की खरीदी

रायगढ़. जिले के दो ब्लाक के करीब सात सोसायटी में इस बार धान के साथ मक्के की खरीदी भी शुरू की गई। पहली बार जिले में 50 किसानों ने 1050 क्विंटल मक्का सोसायटी में विक्रय किया। खरीदी के अंतिम समय में क्षेत्र के व्यापारियों ने मक्के की दर सरकारी दर से बढ़ा दिया है। इससे सोसायटी में मक्के की खरीदी बंद हो गई है।

जिले के धरमजयगढ़ और लैलूंगा ब्लाक में मक्के की पैदावार काफी अधिक मात्रा में किसान करते हैं, लेकिन इनको पहले प्रोत्साहित नहीं किया जाता था जिसके कारण इसका रकबा घट रहा था। इस बार शासन ने मक्के की खरीदी पर जोर दिया और पत्रिका द्वारा चलाए गए अभियान के बाद मक्के की खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन भी किया गया।

जून के अंत तक होने वाले मक्के की खरीदी के लिए उक्त सभी सोसायटी के माध्यम से क्षेत्र के करीब 105 किसानों ने मक्का विक्रय करने के लिए पंजीयन भी कराया। अब तक की स्थिति पर गौर किया जाए तो करीब 50 किसानों ने शासन द्वारा निर्धारित दर 17 सौ रुपए प्रति क्विंटल के दर से 1050 क्विंटल मक्का अब तक सोसायटी में विक्रय कर चुके हैं। पंजीकृत किसानों की संख्या के हिसाब से करीब 55 किसानों का मक्का और आना था जो कि बंद हो गया है।

पिछले कुछ दिनों से किसान सोसायटी में मक्का लेकर आ ही नहीं रहे हैं। सोसायटी प्रबंधन और विभाग के अधिकारियों की माने तो क्षेत्र में कुछ व्यपारी सक्रिय हो गए हैं और शासन द्वारा निर्धारित दर 17 रुपए प्रति क्विंटल की दर को बढ़ाकर कहीं 1750 रुपए तो कहीं 1800 रुपए तक का दर किसानों को दे रहे हैं। प्रति क्विंटल 50-100 रुपए अधिक मिलने के लालच में अब क्षेत्र के किसान व्यापारियों के पास मक्का खपा रहे हैं।


पहले यही व्यापारी देते थे औने-पौने दाम
सोसायटियों में दो साल पहले तक की स्थिति में मक्के की खरीदी जिले में नहीं की जाती थी जिसके कारण धरमजयगढ़ और लैलूंगा क्षेत्र के किसान औने-पौने दामों में विक्रय करते थे। इसके कारण मक्का का उत्पादन करने वाले किसान हतोत्साहित हो रहे थे, लेकिन सरकारी खरीदी शुरू होने के बाद किसान समितियों में विक्रय करना शुरू किए थे।


समिति प्रबंधकों ने नान को भेजा पत्र
जिन समितियों में मक्के की खरीदी की जा रही थी। उन समिति के प्रबंधकों ने नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम के नाम एक पत्र लिखा है जिसमें बताया गया है कि समिति में अब तक कितनी खरीदी हुई है और आगे व्यापारियों द्वारा दर बढ़ाने के कारण और खरीदी न हो पाने की बात भी लिखी है।


फैक्ट फाइल
गत वर्ष तय समर्थन मूल्य – 1430 रुपए
इस वर्ष तय समर्थन मूल्य – 1700 रुपए
अब तक खरीदी गई धान – 810 क्विंटल
अब तक किसानों को भुगतान – 18.57 लाख


-अब तक धरमजयगढ़ और लैलूंगा विकासखंड के 50 किसानों ने 17 सौ की दर से मक्का विक्रय किया है। व्यापारियों समर्थन मूल्य से अधिक दर बढ़ाने के कारण अब किसान नहीं आ रहे हैं।
-सी आदिनारायण, डीएम नान

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