40 हजार लोगों नेे दो बार बनवा लिया स्मार्ट कार्ड, अब रद्द करने की तैयारी
रायगढ़Published: Apr 05, 2016 01:42:00 pm
मुफ्त में महंगे इलाज का लाभ लेने के लिए 40 हजार लोगों ने दो बार स्मार्ट
कार्ड बनवाया है। जिस व्यक्ति के नाम से दो कार्ड जारी हो चुका है। उसमें से एक को रद्द
करने की पहल की जाएगी।
40 thousand peoplegetting twice the smart card, is now preparing to cancel
रायगढ़. मुफ्त में महंगे इलाज का लाभ लेने के लिए 40 हजार लोगों ने दो बार स्मार्ट कार्ड बनवाया है। जिसका खुलासा विभागीय जनगणना व सर्वे के बाद हुआ है। ऐसे में, जिस व्यक्ति के नाम से दो कार्ड जारी हो चुका है। उसमें से एक को रद्द करने की पहल की जाएगी। जिसकी तैयारी में स्वास्थ्य विभाग जुट गया है। जिले में स्मार्ट कार्ड के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर पर विभागीय कर्मचारी से मिली भगत कर 40 हजार लोगों ने दो-दो स्मार्ट कार्ड बनवाया है। जिसका खुलासा समाजिक व आर्थिक जनगणना के बाद हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में बड़े पैमाने पर स्मार्ट कार्ड बनावाने को लेकर गडबड़झाला की शिकायत सामने आई थी।
ऐसे में, स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिले में सर्वे कर ऐसे कार्डधारियों को चिन्हित करने का आदेश दिया था। प्रदेश स्तर पर मिले इस आदेश के बाद रायगढ़ में भी सर्वे की पहल की गई। जिसकी पहली रिपोर्ट में करीब 40 हजार लोगों को चिन्हित किया गया है। जिनके नाम से दो- दो स्मार्ट कार्ड जारी हुआ है। वहीं उक्त व्यक्ति, उस कार्ड का इस्तेमाल भी कर रहे हैंं। ऐसे में, एक व्यक्ति के दो कार्ड में एक को निरस्त करने की बात कही जा रही है। जिसकी पहल जल्द ही शुरू होगी। विभाग की इस कार्रवाई से फर्जीवाड़ा करने वाले कार्डधारियों के बीच हडकंप का माहौल भी बना हुआ है।
फैक्ट फाइल
3,68, 285 कार्ड बनाना है
1, 81, 197 स्मार्ट कार्ड बने हैं
1, 49, 564 कार्ड बनाना है
सितंबर से हो रहा सर्वे
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य स्मार्ड कार्ड योजना का नए सिरे से सर्वे का कार्य पिछले वर्ष सितंबर से हो रहा है। जिले में करीब साढ़े 3 लाख से अधिक स्मार्ट कार्ड को सर्वे करने में विभाग को 6 माह से अधिक का समय लग गया। हालांकि विभाग की इस पहल में करीब 40 हजार स्मार्ट कार्डधारियों केे फर्जीवाड़े का भी खुलासा हुआ है।
सरकार को करोड़ो का नुकसान
एक व्यक्ति के नाम से दो कार्ड जारी होना व उसके लगातार उपयोग से सरकार को भी करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है। वहीं उसे निजी अस्पतालों को एक भारी भरकम रकम भी अदा करनी पड़ रही है। अगर एक कार्ड पर 30 हजार रुपए की स्वास्थ्य सुविधा है तो 40 हजार कार्ड पर 1 अरब 20 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ सरकार पर था। जो चिन्हित होने के बाद खत्म होने की बात कही जा रही है।