\"साहब, आप ही बताओ क्या करूं...\"
झुंझुनूं। साहब, मेरे पति को शहीद हुए चार साल हो गए। उनको गैलेंट्री अवार्ड भी मिला था...
झुंझुनू
Updated: January 16, 2015 12:13:07 pm
झुंझुनूं। साहब, मेरे पति को शहीद हुए चार साल हो गए। उनको गैलेंट्री अवार्ड भी मिला था। शहीद पैकेज भी अभी तक पूरा नहीं मिला है। अधिकारियों के चक्कर भी काटे। वे कहते हैं किसी नेता से सिफारिश करवाओ। अब आप ही बताओ मैं क्या करूं...। किसी की आंखे नम थी तो कोई हाथ जोड़कर अपनी फरियाद सुना रहा था।
कुछ ऎसा ही माहौल था बुधवार को शहर के गुढ़ागौड़जी रोड पर स्थित ईसीएचएस के पास हुई गौरव सैनानी कल्याण रैली में। रैली में आई वीरांगनाओं व पूर्व सैनिकों ने सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक ब्रिगेडियर एसके शर्मा को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
पूर्व सैनिक बहादुरसिंह की पत्नी फूल कंवर ने बताया कि पहले तो बीकानेर आयुक्त उपनिदेशक ने उनके पति को मोहनगढ़ में 24.05 बीघा भूमि आवंटित कर दी। उनके निधन के बाद बिना सूचना के उक्त भूमि को किसी दूसरे को आवंटित कर दिया गया। उन्होंने जमीन आवंटन संबंधी दस्तावेज सेना व सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारियों को दिखाते हुए जमीन आवंटित कराने की मांग की।
सेना की नर्सरी है झंुंझुनंू जिला
इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक ब्रिगेडियर एसके शर्मा ने कहा कि झुंझुनंू जिला सेना की नर्सरी है। जिले में करीब 52 हजार पंजीकृत पूर्व सैनिक हैं और करीब 26 हजार सेवारत। सैनिक बाहुल्य जिले में सुविधाओं का विकास करने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के आरक्षण को एससी, एसटी, ओबीसी की बजाय पूर्व सैनिक श्रेणी में रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि चिड़ावा व बुहाना में ईसीएचएस अस्पताल शीघ्र ही खुलेगा। उन्होंने पूर्व सैनिकों को कई योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
एकजुटता पर दिया जोर
कार्यक्रम में वक्ताओं ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि समस्याओं को उठाने के लिए लोकसभा व विधानसभा में प्रतिनिधि होने चाहिए। इसके लिए पूर्व सैनिकों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। वहीं पूर्व सैनिकों के लिए भी आयोग बनाए जाने पर जोर दिया। इसके अलावा पाठ्यपुस्तकों में देश के महान सपूतों की जीवनी को भी शामिल करने की मांग की गई।
केस-एक
टीटनवाड़ की वीरांगना सरोज देवी के पति सम्पतलाल 2010 में शहीद हुए थे। सेना की ओर से गैलेंट्री अवार्ड भी दिया गया, लेकिन उसे अभी तक शहीद पैकेज में शामिल बी ग्रेड का फ्लेट नहीं मिला। न ही शहीद के नाम पर स्कूल का नामकरण हुआ। गांव में शहीद स्मारक बनाने के लिए जो जमीन है उसमें भी बिजली वालों ने खंभे गाड़ दिए।
केस-दो
जाखल के पूर्व सैनिक लादूसिंह को मोहनगढ़ में 24.5 बीघा भूमि आवंटित की गई। कुछ समय बाद ही उनका निधन हो गया। अब उनकी पत्नी संतोष इस जमीन के टुकड़े के लिए चक्कर काट रही है। संतोष ने बताया कि पति की मौत के बाद अधिकारियों ने बिना सूचना के उसकी भूमि रद्द कर दूसरे को आवंटित कर दी।
इनका हुआ सम्मान
समारोह में पूर्व सैनिकों व शहीद वीरांगनाओं का सम्मान किया गया। इसके अलावा ईसीएचएस को सहयोग प्रदान करने वाले भामाशाहों का भी सम्मान किया गया। समारोह में शहीद वीरांगना मनोहरी देवी, डॉ. जेसी जैन, मदनलाल, मदनलाल परसरामपुरिया, सुरेश कुमार, अरूण अग्रवाल, अुर्जनसिंह, सूबेदार मोहनलाल, राजेश कुमार आदि का सम्मान किया गया।
ये थे अतिथि
कार्यक्रम में कर्नल आरके सिंह, नारायणसिंह जानू, बिरजूसिंह, फूलसिंह, लियाकत, विंग कमाण्डर शिवनारायण सूरा, मेजर प्रतापसिंह, जयराम, जी सुखराम, एचआर यादव, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमाण्डर अम्मीलाल कृष्णियां अतिथि के रूप में मौजूद थे।
नहीं पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी
सैनिक बाहुल्य जिले के पूर्व सैनिकों की समस्याओं के प्रति प्रशासन कितना गंभीर है, इसकी बानगी बुधवार को यहां रैली में देखने को मिली। रैली में न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचा और न ही प्रशासन से संबंधित उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई स्टाल लगाई गई। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी अम्मीलाल कृष्णियां ने बताया कि इस संबंध में जिला कलक्टर को आमंत्रित किया गया था, मगर वे नहीं पहुंचे।

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