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सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में हंगामा, उजागर हुआ विभाग का खेल

locationरायगढ़Published: Jul 27, 2017 11:14:00 am

शिक्षकों के समायोजन के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा खेले जा रहे खेल का खुलासा सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में हुई।

Commotion in General Administration Committee meet

Commotion in General Administration Committee meeting

रायगढ़. शिक्षकों के समायोजन के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा खेले जा रहे खेल का खुलासा सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में हुई।

नियमों के विपरित 40 किलोमीटर की दूरी में शिक्षक का समायोजन करने के नाम पर सूची में 4 किलोमीटर का उल्लेख कर दिया गया है। इसके अलावा सूची में और भी कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आयी है। जिसको लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष अजेश अग्रवाल और उपाध्यक्ष नरेश पटेल ने सूची को अनुमोदन करने से इंकार कर दिया।

दोपहर करीब 12.30 बजे जिला पंचायत के सभाकक्ष में साामन्य प्रशासन समिति की बैठक शुरू हुई अध्यक्ष उपाध्यक्ष के अलावा जिला पंचायत सीईओ, डीईओ और अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का प्रमुख एजेंडा चालू सत्र में शिक्षण व्यवस्था को लेकर शिक्षकों का समायोजन किया जाना था।

सूत्रों की माने तो लेकिन जब जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष शिक्षा विभाग द्वारा पेश किए गए सूची का अवलोकन किए तो उसमें ढेर सारी अनियमितताएं पायी। इस बात को लेकर बैठक में हंगामा भी हुआ और आरोप-प्रत्यारोप भी लगे। काफी देर तक हो हंगामा के बाद जिला पंचायत सीईओ ने त्रुटी वालों को छोड़कर शेष का अनुमोदन करने के लिए कहा जिस पर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने स्प्ष्ट रूप से कहा कि जब तक सूची में पूरी तरह से सुधार नहीं होगा अनुमोदन नहीं करेंगे। जिसके बाद डीईओ को सूची में सुधार करने के लिए निर्देश जिला पंचायत सीईओ ने दिया। और फिर अन्य विभाग के एजेंडों पर चर्चा शुरू हुई।

शिक्षा विभाग पर लग रहा आरोप- सूत्रों की माने तो समायोजन के नियम पर सामने आए सूची को देखकर शिक्षा विभाग पर आरोप लग रहा है कि विभाग के अधिकारियों ने कुछ शिक्षकों को लाभ पहुंचाने के लिए शासन के पूरे नियम कानून को तोड़ते हुए वास्तविक जानकारियों को छिपाने का प्रयास किया गया है। यही कारण है कि कई प्रकरण में दूरी को कम बताया गया है।

ये कैसा समायोजन- सूची के अनुसार डुलोपुर स्कूल से एक शिक्षक को समायोजन के तहत हटाकर अरसीपाली किया गया है और अरसली पाली से दो शिक्षको ंको हटाकर भातपुर व डुलोपुर वापस कर दिया गया है। वहीं तेलीकोट से शिक्षक को हटाने के लिए एक जगह दर्ज संख्या कम बता दिया गया तो वहीं दूसरे शिक्षक को लाने के लिए दर्ज संख्या अधिक बता दिया गया है।

हर ब्लाक की सूची में मिली है गड़बड़ी- शिक्षा विभाग द्वारा सदन को उपलब्ध कराए गए सूची के अनुसार हर ब्लाक की दूरी में काफी अंतर है। सारंगढ़ और खरसिया की तरह अन्य ब्लाकों में भी ऐसे नाम है जिसमें ग्रामों की दूरी काफी कम दर्शाया गया है और वास्तविकता में वहां की दूरी शासन के नियमानुसार 10 किलोमीटर से अधिक है।

शासन के उद्देश्य की नहीं हो रही पूर्ति-  668 शिक्षकों के समायोजन के पीछे शासन व प्रशासन की मंशा है कि जहां शिक्षक ज्यादा हैं वहां से शिक्षक दूसरे स्कूल जहां शिक्षकों की कमी है समायोजन हो जाए ताकि शिक्षण व्यवस्था बनी रही लेकिन यहां तो बच्चों को लाभ पहुंचाने के बजाए समायोजन के बहाने शिक्षकों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में जिला पंचायत के प्रतिनिधियों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है और अनुमोदन से मना कर दिया है व सुधारने को कहा है।
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