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#रेलकर्मियों के चिट्ठी बम के बाद एसएसई को किया रिलीज, आफिस से लेकर घर तक चस्पा किया आर्डर

locationरायगढ़Published: Jul 11, 2018 03:57:54 pm

Submitted by:

Shiv Singh

इधर एसएसई ने रायगढ़ से रिलीज होने के बाद अनूपपुर में नहीं किया ज्वाइन

इधर एसएसई ने रायगढ़ से रिलीज होने के बाद अनूपपुर में नहीं किया ज्वाइन

इधर एसएसई ने रायगढ़ से रिलीज होने के बाद अनूपपुर में नहीं किया ज्वाइन

रायगढ़. रायगढ़ रेलवे के पावर सप्लाई इंस्टॉलेशन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर के खिलाफ जब 28 अधिनस्थ अधिकारियों ने मोर्चा खोला तो रायगढ़ से लेकर बिलासपुर डिवीजन तक खलबली मच गई।

जिसके बाद डिजीवन के आला अधिकारी मामले को रफा दफा करने के लिए रायगढ़ पहुंचे। पर समझाईश बेसर रहा। इसके बाद विवादित एसएसई को रायगढ़ कार्यालय से रिलीज कर अनूपपुर भेजने की पहल की गई। खास बात तो यह है कि इस रिलीज आर्डर का कॉपी, एसएसई को डाक के अलावा आफिस से लेकर उनके आवास तक चस्पा की गई है। जिससे बाद उनके द्वारा यह नहीं कहा जाए कि मुझे तो रिजीज आर्डर मिला ही नहीं है।
रायगढ़ रेलवे के इतिहास में शायद यह पहला मौका है। जब किसी विभाग के स्टॉफ ने सामूहिक रुप से अपने आला अधिकारी को ब्लैकमेलर का नाम देकर उनके साथ काम करने से इंकार किया है। 28 रेलकर्मियों ने इस संबंध में रायगढ़ से लेरक बिलासपुर तक के अधिकारी को पत्राचार कर अपनी परेशानियों को बयां किया है।
जिसका नतीजा यह हुआ कि विवादों में रहने वाले स्थानीय रेलवे के पावर सप्लाई इंस्टॉलेशन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर आर वैंकटैय्या को रायगढ़ कार्यालय से रिलीज का अनूपपुर भेज दिया गया है।

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जहांं पूर्व में भी उनका ट्रांसफर हुआ था। खास बात तो यह है कि मामला मीडिया में उछलने के बाद कुछ दिनों तक एसएसई वैंकटैय्या, अपने कार्यालय में हीं पहुंचे। ऐसी स्थिति में उनके रायगढ़ कार्यालय से रिलीज आर्डर को आफिस के नोटिस बोर्ड के साथ ही उनके घर के बाहर चस्पा किया गया है। रिलीज आर्डर नहीं मिलने की स्थिति में उसकी एक कॉपी डाक के माध्यम से भी एसएसई के पते पर भेजी गई है।


पूर्व में भी हो चुका है ट्रांसफर
विभागीय सूत्रों की माने तो उनका पूर्व मेंं भी दो बार ट्रांसफर हो चुका है। पर डिवीजन के आला अधिकारी के समक्ष वो किसी ना किसी परेशानी को बयां कर वो रायगढ़ में बने रहते हैं। अंतिम बार जब ट्रांंसफर लिस्ट जारी हुई थी। उसमें एसएसई वैंकटैय्या को अनुपपूर जबकि कोरबा वाले एसएसई एस पल्ल्ई को रायगढ़ भेजा गया था।

एस पल्लई ने रायगढ़ में पदभार भी संभाल लिया। पर 3 माह के सीक के बाद एसएसई आर वैंकटैय्या फिर रायगढ़ में पदस्थ हो गए। जिसके बाद एक बार फिर 28 रेलकर्मियों के सब्र का बांध टूटा और उन्होंने चिट्टी बम फोड़ दिया। पत्रिका ने 28 रेलकर्मियों की सामूहिक परेशानी को 29 जून के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था।


ज्वाइन नहीं करने पर उठ रहे है सवाल
एसएसई वैंकटैय्या को रायगढ़ कार्यालय से रिलीज तो कर दिया गया है। पर सूत्रों की माने तो वो अभी तक अनूपपुर में योगादान नहीं किया है। अभी तक वो अनुपस्थित चल रहे हैं। इसकी कोई वजह भी उन्होंने विभागीय अधिकारी से शेयर नहीं की है। जबकि विभाग का यह नियम है कि किसी आपात स्थिति,

बीमारी व अन्य परेशानी को लेकर कार्यालय नहीं पहुंचने की स्थिति में परिवार के किसी भी सदस्य व अन्य ये सीक करने की जानकारी देनी अनिवार्य होती है। पर ऐसी कोई पहल उनके द्वारा नहीं करने की बात कही जा रही है। इससे विरोध कर रहे 28 कर्मचारियों को इस बात की चिंता सता रही है कि डिवीजन के आला अधिकारियों से सेटिंग कर एसएसई, फिर कोई नया जुगाड़ ना लगा ले।

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