दो ब्लाक की रिपोर्ट के अभाव में भू-अभिलेख शाखा में न तो एग्जाई रिपोर्ट तैयार हो पा रहा है न ही सूखे की स्थिति का आंकलन हो पा रहा है। फसल कटाई प्रयोग का काम दिसंबर माह में ही पूरा हो चुका है। इसके बाद भी रिपोर्ट क्यों नहीं आ रहा है इसको लेकर सवाल उठ रहा है जबकि भू-अभिलेख अधीक्षक द्वारा भी जिले के सभी तहसीलों को इस रिपोर्ट के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है।
दिसंबर के अंत से ही पत्र लिखने का सिलसिला चल रहा है पर रिपोर्ट नहीं आ रहा है। सारंगढ़ और रायगढ़ के फसल कटाई रिपोर्ट के कारण पूरे जिले का आंकलन रूका हुआ है। हांलाकि यह बताया जा रहा है कि अब तक आई रिपोर्ट में धरमजयगढ़ क्षेत्र में सूखे की स्थिति बिल्कुल न होना बताया गया है जबकि लैलूंगा व खरसिया के कुछ क्षेत्रों में ५० प्रतिशत से कम वर्षा होने की जानकारी मिल रही है।
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तहसीलों में अगर सूखे की स्थिति निर्मित हो रही है तो प्रभावितों को मुआवजा देने आंकलन कर राशि की मांग की गई है लेकिन अभी तक किसी भी तहसील से मुआवजा राशि के लिए कोई मांग नहीं किया गया है। इससे सूखे की स्थिति न होने की बात कही जा रही है लेकिन वास्तविक तथ्य फसल कटाई रिपोर्ट के बाद सामने आएगा जिसका इंतजार है।
बिना रिपोर्ट के कैसे करेंगे आंकलन
इस बार भी कई ब्लाकों में अल्प वर्षा की बात सामने आ रही थी। हांलाकि गौर किया जाए तो अनावरी रिपोर्ट में सभी ब्लाकों में पर्याप्त पानी कृषि के लिए उपलब्ध होना पाया गया है। ऐसी स्थिति में फसल कटाई प्रयोग को अंतिम रिपोर्ट माना जाता है जिसके अभाव में अल्प वर्षा व सूखा का आंकलन विभाग नहीं कर पा रही है।
-काफी रिमाइंडर के बाद फसल कटाई प्रयोग आया है लेकिन दो ब्लाक की जानकारी नहीं आई है। एग्जाई कर आंकलन करने का काम किया जा रहा है- शिवकुमार पटेल, अधीक्षक भू-अभिलेख