राजस्व अधिकारी अब नहीं बन सकेंगे सीएमओ, बैठक में लिया गया निर्णय, पढि़ए खबर...
रायगढ़ नगर निगम में राजस्व निरीक्षक शिव यादव को जिले के बाहर एक नगर पंचायत का सौंपा गया है सीएमओ का प्रभार

रायगढ़. नगर निगम के राजस्व अधिकारी और आरआई को अब सीएमओ का दायित्व नहीं दिया जाएगा। इसका निर्णय नगरीय प्रशासन विभाग की बैठक में लिया गया। इसके पीछे कारण यह बताया गया है कि संबंधित अधिकारियों को सीएमओ बनाते हुए दूसरे नगरीय निकाय में भेजा जाता है। इससे संबंधित निकाय की वसूली प्रभावित होती है।
नगर निगमों के राजस्व अधिकारी को आरआई को कई बार अन्य नगर पंचायत व नगर पालिका में सीएमओ का प्रभार दिया जाता है, लेकिन अब राजस्व अधिकारी व राजस्व निरीक्षकों को यह प्रभार नहीं सौंपा जाएगा। इसका निर्णय नगरीय निकाय के अधिकारियों की बैठक में लिया गया। यह बैठक सोमवार को राजधानी रायपुर में आयोजित की गई है।
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बताया जा रहा है कि कई ऐसे नगरीय निकाय हैं जिनमें राजस्व वसूली का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। वहीं इस विषय को लेकर विभागीय अधिकारियों से चर्चा की गई तो यह बात सामने आई कि राजस्व वसूली का दायित्व राजस्व शाखा पर होता है। वहीं इसके प्रमुख राजस्व अधिकारी होते हैं। साथ ही राजस्व वसूली में प्रमुख भूमिका राजस्व निरीक्षकों की होती है। इन अधिकारियों के दूसरे निकाय में सीएमओ बन कर जाने से राजस्व वसूली का कार्य छूट जाता है। वहीं सीएमओ का प्रभार मिलने के बाद सभी कार्यों को प्राथमिकता देना होता है। इससे वसूली प्रभावित होती है। बताया जा रहा है कि इस तरह की स्थिति अंबिकापुर नगर निगम में देखने को मिली।
लौटेंगे निगम के एक अधिकारी
रायगढ़ नगर निगम में राजस्व निरीक्षक शिव यादव को जिले के बाहर एक नगर पंचायत का सीएमओ का प्रभार सौंपा गया है। वहीं नगरीय निकाय विभाग ने जो आदेश जारी किया है। उसमें यह स्पष्ट है कि जितने भी राजस्व अधिकारी व राजस्व निरीक्षकों को सीएमओ का प्रभार दिया गया उनकी यह नियुक्ति समाप्त होगी और उन्हें अपने मूल पद पर संबंधित निकाय में लौटना होगा। ऐसे में निगम के उक्त अधिकारी भी यहां लौटेंगे।
कुछ अधिकारियों में नाराजगी
नगरीय निकाय विभाग के अधिकारियों इस निर्णय को लेकर कुछ अधिकारियों में नाराजगी भी है। हालांकि यह नाराजगी सार्वजनिक तौर से जाहिर नहीं की जा रही है। इसके पीछे कारण है कि एक ओर नगरीय निकाय विभाग यह योजना बनाई है कि राजस्व वसूली को निजी हाथों में सौंपा जाएगा। इसकी शुरुआत पांच निगमों में हो चुकी है। वहीं शेष निगमों में यह योजना शुरू करने के लिए तैयारी चल रही है। ऐसे में जब निजी कंपनी के द्वारा राजस्व वसूली किया जाना है तो इस आदेश को लादने की बात कही जा रही है।
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