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झारखंड के जामताड़ा से 7 बच्चों को मदरसे में पढ़ाई के नाम पर हैदराबाद ले जाया जा रहा था। बच्चों को रायगढ़ में उतारा गया और CWC को सौंप दिया गया है। बाल कल्याण समिति के अधिकारियों का कहना है कि एक युवक इन सभी को लेकर जा रहा था लेकिन उसके पास दस्तावेज नहीं मिले। ट्रेन से बरामद बच्चों ने बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए हैदराबाद भेजा है। बच्चों के मुताबिक वे हैदराबाद नहीं जाना चाहते हैं और अपने माता-पिता के पास रहने चाहते हैं। वहीं बच्चों को लेकर जा रहे व्यक्ति ने खुद को उनका चाचा बताया है। लेकिन पूछताछ के दौरान वह बच्चों से संबंधित दस्तावेज और स्कूल से जुड़ा कोई कागजात पेश नहीं कर पाया। बच्चों के परिजनों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। आपको बता दें की जामताड़ा नक्सल प्रभावित अति पिछड़ा इलाका है। ऐसे में पूरी संभावना है की बरामद बच्चे मानव तस्करी ( human trafficking ) का शिकार हैं।
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राजनांदगांव और दुर्ग से बच्चे हो चुके हैं बरामद हालही में 27 जून को हावड़ा से मुम्बई जा रही ट्रेन की बोगी से पुलिस और आरपीएफ (RPF) के जवानों ने 33 मासूम बच्चों (Children) को राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी (Human trafficking) की आशंका पर बरामद किया गया था। रायपुर से राजनांदगांव आ रही महिला वकील ने रेलवे पुलिस से मामले की शिकायत की थी। उतारे गए सभी बच्चों की उम्र 8 से 10 वर्ष के बीच है। सभी एक ही समुदाय के बच्चे थे। उनके साथ बरामद व्यक्ति ने भी बच्चों को पढ़ाने के लिए ले जाने की बात कही थी। वही रेलवे पुलिस ने दुर्ग से भी कार्यवाही करते हुए 13 बच्चों को बरामद किया था।