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आखिर क्यों वन मंडल के अधिकारियों व कर्मचारियों के फिटनेस को लेकर उठ रहे सवाल, पढि़ए खबर…

locationरायगढ़Published: Sep 16, 2018 06:50:18 pm

Submitted by:

Shiv Singh

– 15 सदस्य टीम के आंखों के सामने करील तस्कर भागने में हुए सफल

आखिर क्यों वन मंडल के अधिकारियों व कर्मचारियों के फिटनेस को लेकर उठ रहे सवाल, पढि़ए खबर...

आखिर क्यों वन मंडल के अधिकारियों व कर्मचारियों के फिटनेस को लेकर उठ रहे सवाल, पढि़ए खबर…

रायगढ़. वन मंडल के अधिकारी, कर्मचारी, समिति सदस्य के १५ सदस्य टीम ने शहर के हाट-बाजारों में दबिश दी। जहां दो अलग-अलग प्रकरण के तहत एक क्ंिवटल ३० किलो करीब जब्त किया गया, पर हमेशा की तरह करील तस्कर १५ सदस्य टीम के आंखों के सामने से भागने में सफल हो गए। जिसकी वजह से एक बार फिर अधिकारी व कर्मचारी के फिटनेस को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऐसी स्थिति में विभागीय टीम बगैर आरोपी, करील की खेप को जब्त कर प्रकरण दर्ज करने को मजबूर दिखी।
प्रतिबंद्धित वनोपज करील की तस्करी पर रोक लगानेे अब रायगढ़ वन मंडल के अधिकारियों की नींद खुली है। जिसका नतीजा यह हुआ कि शहर के इतवारी बाजार व अन्य स्थानों पर दबिश देकर एक क्ंिवटल ३० किलो करील की खेप को जब्त किया है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई रविवार की सुबह की है। जब विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, विजयपुर समिति के अलावा दो चौकीदारों की १५ सदस्य टीम ने इतवारी बाजार, गांधी प्रतिमा चौक, संजय मार्केट, केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड, माल धक्का रोड रेलवे स्टेशन में दबिश दी।
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जहां दो प्रकरण के तहत एक क्ंिवटल ३० किलो करील की खेप को जब्त किया। करील को देख कर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उसे शनिवार को काट कर रविवार की सुबह बाजार में बिक्री की जा रही थी, पर हमेशा की तरह इस बार भी १५ सदस्य टीम के आंखों के सामने करील तस्कर भागने में सफल हुए। इस बात की पुष्टि खुद टीम के सदस्य कर रहे हैं। उनकी मानें तो जब उन्होंने दबिश दी तो आरोपी तस्कर, टीम के सदस्यों को देख कर करील की खेप को छोड़ भाग गए। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी करील पर कार्रवाई में आरोपी तस्कर, विभागीय टीम को नहीं मिले हैं।

जंगल में रोकते तो बाजार नहीं आता करील
जानकारों की मानें तो शहर के हाट व बाजार से एक क्ंिवटल ३० किलो करील की खेप को जब्त कर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी खुद की पीठ थपथपा रहे हैं। पर अगर इस करील को जंगल से तस्करी के दौरान ही पकड़ा जाता तो शायद यह बाजार तक नहीं पहुंचाता। ऐसे में, उक्त करील की कटाई वाले क्षेत्र (जंगल) के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी की कार्यशैली पर सवाल उठना स्वभाविक है।

एक माह से बिक रहा करील, अब पड़ी नजर
इतवारी बाजार व अन्य स्थानों से सब्जी की खरीदारी करने वाले लोगों को यह कहना है कि करील की बिक्री करीब एक माह पहले से हो रही है। पर विभागीय अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं थी। यहीं वजह है इतवारी बाजार व अन्य स्थानों पर दबिश नहीं दी गई थी, पर रविवार की सुबह १५ सदस्य टीम ने दबिश देकर इस बात की पुष्टि की कि अब उनकी नजर इतवारी बाजार व अन्य हाटों पर पड़ी है।

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