स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 65 लाख परिवार स्मार्ट कार्ड योजना का लाभ ले रहे हैं। पिछले कुछ सालों के आकड़ों पर बात करें तो 2017-18 में यूनाइटेड इंश्योरेंश कंपनी ने इस योजना का टेंडर लिया था। शासन ने इसके लिए बीमा कंपनी को 800 रुपए प्रति कार्ड प्रीमियम दिया था। बीमा कंपनी को एक साल में फायदा तो दूर 50 प्रतिशत अधिक राशि का क्लेम पटाना पड़ा था। इसके बाद साल 2018-19 के लिए अधिक कंपनियों ने निविदा में भाग नहीं लिया। रिलायंस ने टेंडर लिया भी तो काम शुरू करते ही हाथ खड़े कर दिए और शासन ने उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया। वर्तमान में इस योजना का टेंडर रेलीगेयर कंपनी के पास है। इस कंपनी को शासन प्रति कार्ड पहले से अधिक 1100 रुपए का प्रीमियम दे रही है। इस कंपनी का कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म हो जाएगा। टेंडर की अवधि समाप्तर होने के लिए मात्र ढाई महीने शेष बचे हैं और आगे योजना चलेगी या नहीं इस निर्णय अभी संशय की स्थिति में है।
इंश्योंरेंस मॉडल है यह योजना मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना एक इंश्योंरेंस मॉडल योजना है। शासन हर साल इस योजना के लिए निविदा जारी करती है। निविदा में जो बीमा कंपनी सबसे कम रेट डालती है उसे इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी दी जाती है। यह योजना शुरूआती दौर में तो ठीक चली थी, लेकिन बाद में अस्पताल संचालकों द्वारा गलत तरीके से क्लेम लेने के चलते बीमा कंपनियां घाटे में चली गईं और इससे दूर भागने लगीं।