scriptSowing of paddy has been done only in about a dozen procurement center | करीब एक दर्जन उपार्जन केंद्रों में ही हो पाई है धान की बोहनी | Patrika News

करीब एक दर्जन उपार्जन केंद्रों में ही हो पाई है धान की बोहनी

locationरायगढ़Published: Nov 08, 2022 07:09:49 pm

अब तक १२८८ क्विंटल धान की हो चुकी है खरीदी

करीब एक दर्जन उपार्जन केंद्रों में ही हो पाई है धान की बोहनी
अब तक १२८८ क्विंटल धान की हो चुकी है खरीदी
रायगढ़। जिले के ९५ उपार्जन केंद्रों में से करीब एक दर्जन केंद्रों में में ही धान की बोहनी हो पाई है, शेष केंद्रों में धान के बोहनी के लिए फसल कटाई का इंतजार किया जा रहा है।
किसानों के मांग पर ही इस बार जिले में १ नवंबर से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी शुरू की गई है। हांलाकि इस बार बताया जा रहा है कि मौसम में उतर-चढ़ाव के कारण धान फसल की कटाई में देरी हुई है जिसके कारण सप्ताह भर बाद धान की कटाई शुरू होने की बात कही जा रही है यही कारण है कि अब तक जिले के ९५ सेवा सहकारी समितियों में से मात्र दर्जन भर उपार्जन केंद्रों में ही १२८८ क्विंटल की बोहनी हुई है। शेष केंद्रों में अब तक बोहनी नहीं हो पाई है। सेवा सहकारी समिति प्रबंधक और किसान दोनो नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही धान के आवक में तेजी आने की संभावना जता रहे हैं। यही कारण है कि फसल कटाई पिछड़ा होने के कारण समर्थन मूल्य में धान विक्रय के लिए टोकन भी काफी कम मात्रा में कट रही है। गिने चुने किसान ही जो कि धान फसल की कटाई कर चुके हैं टोकन कटा रहे हैं।
नमी मापकर कर रहे हैं खरीदी
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी धान खरीदी के लिए सेवा सहकारी समितियों में नोडल अधिकारी बनाया गया है। जो कि केंद्रों में आने वाली धान का नमी मापकर ही क्रय कर रहे हैं। बताया जाता है कि शुरूआत में नमी की शिकायत अधिक रहती है जिसके कारण किसानों के फसल को माप करने के बाद ही क्रय किया जा रहा है।
इधर रकबे में चल रहा सुधार का काम
एकीकृत पोर्टल में करीब ७० गांव के ३०० से अधिक किसानों का रकबा जीरो दिखा रहा है। तकनिकी रूप से आ रही इस समस्या को लेकर सुधार कराने का दावा विभाग कर रही है। हांलाकि देखा जाए तो विक्रय के लिए आने वाले किसानों की संख्या कम होने के कारण विवाद की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है अन्यथा इस त्रुटि को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित होती।
वर्सन
७ ब्लाक में बोहनी हुई है जिसमें १२८८ क्विंटल धान की खरीदी की गई है। अधिकांश केंद्रों में बोहनी नहीं हुई है। इस बार फसल कटाई पिछडऩे के कारण नवंबर के दूसरे सप्ताह से आवक तेज होने की बात कही जा रही है।
प्रवीण पैंकरा, डीएमओ मार्कफेड
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