राजनीति के टीकाकार व पंडित ये मान रहे हैं कि ओपी ने अपने अंदर परफेक्ट पॉलिटिकल लीडर मेटेरियल को विकसित कर लिया है। शनिवार को खरसिया क्षेत्र में पहुंचे ओपी की यात्रा, भाषण और उनके भाषण में समेटे गए तथ्यों को पलगढ़ा से लेकर बायंग तक देखा जाए तो कई चीजें सामने आई।
Video- भाजपा प्रवेश के बाद पहली बार गृह जिला पहुंचे ओपी बोले स्वच्छ होगी राजनीति तो खड़े हो सकते हैं कई आईएएस जानकार कहते हैं किसी भी फिल्म को हिट करने के लिए एक्शन, इमोशन और ड्रामा का परफेक्ट बैलेंस होना चाहिए। ओपी के इस आगमन में ये सभी दिखा। ये था ओपी का एक्शन अपने भाषण के दौरान पूर्व कलक्टर ओपी चौधरी पूरे जोश में लोगों के सामने चींख-चींखकर, हाथ हिला-हिलाकर छत्तीसगढ़ी भाषा में ये कह रहे थे कि जो भाई के जमीन ला लिस है ओकर बर आए हों, मैं 23 साल के आईएएस की नौकरी छोड़कर आया हूं, इस जमीन के माटी का साथ देने के लिए निर्णय लिया हूं। मुझे जिंदगी में किसी की परवाह नहीं है, मुझे जिंदगी में कोई चीज नहीं चाहिए। मुझे जिंदगी में यही चाहिए कि जो समाज में गरीब है, किसान है, मजदूर है, शोषित है, आदिवासी है उसके लिए काम करूं।
ओपी ने यहीं पर अपने भाषण में कहा कि 13 साल की कलक्टर की नौकरी में मैंने देखा है कि राजनीति से प्रशासन चलता है, प्रशासन से राजनीति नहीं चलती है। यदि राजनीति सही हो तो आज सैंकड़ों आईएएस खड़े हो सकते हैं। जब लोग दंतेवाड़ा जाने से डरते थे मैंने अपनी पहली पोस्टिंग दंतेवाड़ा में मांगा था, जो दंतेवाड़ा नक्सल गढ़ था आज वो शिक्षा का गढ़ है।
मैं मंत्रालय के बड़े बड़े एसी कमरा में जी सकता था पर जिस माटी ने मुझे बनाया मैं उस माटी के लिए काम करना चाहता हूं। मेरे बारे में कोई गाली दे, आलोचना करे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, बायंग के मिट्टी से बने आदमी, इस मिट्टी के आदमी को कोई फर्क नहीं पड़ता है, मैं सकारात्मक आदमी हूं मैं सकारात्मक कार्य करना चाहता हूं।
ओपी के इस कदम की भी जोरों से चर्चा ओपी के आगमन के दौरान एक घटना जबरदस्त रूप से चर्चा में है। जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार संसद भवन पहुंचे थो तो उन्होंने संसद भवन की जमीन को झुककर चूम लिया था। उसी प्रकार जब ओपी खरसिया क्षेत्र पहुंचे तो उस क्षेत्र की जमीन को चूम लिया। इस वक्त ओपी चौधरी पैंट-शर्ट और चप्पल पहने हुए थे, पूरी तरह से सादगी में दिखे।