शौचालय निर्माण की जांच करने के लिए टीम शहर के वार्ड क्रमांक 47 में पहुंची थी। इस वार्ड में भी शौचालय निर्माण में अनियमितता सामने आई है। टीम जांच के दौरान वार्ड के हितग्राही पुष्पा महंत के यहां पहुंची थी। पूछताछ के दौरान पुष्पा ने बताया कि शौचालय निर्माण योजना की जानकारी जब उसे मिली तो वह शौचालय निर्माण के लिए आवेदन करने नगर निगम पहुंची।
इस समय उसे शौचालय निर्माण के आवेदन के साथ अतिरिक्त राशि दो हजार रुपए जमा कराने की जानकारी भी लगी। ऐसे में उस दो हजार रुपए को रोजी मजदूरी करते हुए उनके परिजनों ने बड़ी मशक्कत के बाद जमा किया। राशि जमा होने के साथ वह फिर से निगम पहुंची और आवेदन के साथ रुपए जमा की। इस समय उसे यह उम्मीद थी कि जल्द ही उसके यहां शौचालय का निर्माण जाएगा।
उसके इस उम्मीद को पर तब लग गए जब उसके घर में शौचालय का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हो सका। आधा-अधूरा काम होने के बाद शौचालय का निर्माण बंद हो गया, जो अब तक शुरू नहीं हो सका। इधर हितग्राही महिला यह उम्मीद लगाई हुई है कि उसके यहां शौचालय बनेगा,
लेकिन शौचालय अब तक नहीं बन सका। इधर नगर निगम के अधिकारी व ठेकेदार ने आपसी सांठगांठ करते हुए राशि भी आहरित कर ली। इसी तरह की स्थिति शौकीमति के यहां भी देखने को मिली। आज की जांच टीम में एई संजय ठाकुर, साइड इंजीनियर प्रज्ञा, शाखा यादव, कमल पटेल, चंद्र प्रकाश पाडेंय, राघवन सिंह, एल्डर मैन ज्ञानी शर्मा मौजूद थे।
ये हैं ठेकेदार– वार्ड क्रमांक 47 शहरी क्षेत्र में शामिल होने वाला नया वार्ड है। इस वार्ड में करीब एक सौ से अधिक शौचालय का निर्माण हुआ है। बताया जा रहा है कि इस वार्ड में ठेकेदार संजय अग्रवाल व जयकिशन अग्रवाल के द्वारा काम किया गया है। जांच टीम ने हितग्राहियों से लिए बयान के अनुसार पंचनामा तैैयार कर लिया है।