स्कूल ड्रेस को देख पहचाने परिजन
जब नंदकुमार के परिजन शाम में घर लौटे तो देखा कि वह घर नहीं है। कुछ देर बाद भी जब नंदकुमार घर नहीं लौटा तो उसके परिजन उसकी तलाश में जुट गए। जिन्हे देख ग्रामीण भी उसकी खोजबीन करने लगे। चूंकि उक्त क्षेत्र हाथी प्रभावित है ऐसे में कहीं हाथी ने तो नंद कुमार पर हमला तो नहीं कर दिया सोच कर कुछ ग्रामीण उसे जंगल में खोजने लगे तो कुछ गांव में ही खोज रहे थे। तभी कुछ लोगों ने देखा कि गांव के बांधा तालाब में एक बच्चे का स्कूल ड्रेस धुल कर सूख रहा है। इसके बाद उसे नंदकुमार के परिजनों को दिखाया। फिर परिजनों ने अपने बेटे के ड्रेस को पहचान लिया तब जाकर पता चला कि वह तालाब में डूब गया है।
शव को देख बिलख पड़े परिजन
नंदकुमार के कपड़ों को देखने के बाद उसके परिजन व ग्रामीण तालाब में छलांग लगाकर उसे ढूंढने लगे करीब डेढ़-दो घंटे बाद रात करीब ९ बजे नंदकुमार का शव पानी के अंदर मिला। ग्रामीणों ने जब शव को पानी से बाहर निकला तो शव को देख पीडि़त परिजन बिलख पड़े और मौके पर चीख-पुकार मच गई। किसी तरह ग्रामीणों ने पीडि़त परिजनों को संभालते हुए ढांढस बंधाया और शव को लेकर घर गए। अभी भी पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।