पुलिस ने बताया कि आरक्षक (policeman) 986 अजय गुप्ता (26) चारमार घरघोड़ा का रहने वाला था। वर्ष 2013 में वह पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था। आरक्षक (policeman) की पहली पोस्टिंग तमनार थाना में थी। वहां से उसे लाइन भेज दिया गया था। लाइन में रहने के दौरान आरक्षक को पुलिस लाइन (Police line) उर्दना बस्ती में रहने वाली एक युवती से प्यार हो गया।
वीडियो में देखिए, क्या हुआ जब नाश्ता कर रहे इस किसान के घर घुस गया खतरनाक जानवर तेंदुआ आरक्षक ने अपने प्यार के बारे में कभी नहीं छुपाया। उसके इस प्यार की जानकारी आरक्षक के परिजनों के अलावा उसके सहयोगी पुलिसकर्मियों को भी थी। जब आरक्षक के परिजनों को लगा कि वह युवती के प्यार में अंधा होता चला जा रहा है तो उन्होंने एसपी से गुहार लगाई कि उसे घरघोड़ा थाने में अटैच कर दिया जाए।
तांत्रिक ने महिला से कहा- घर में बुरी आत्मा, इसलिए झगड़ता है पति, फिर जो हुआ उसे जानकर हैरान हो जाएंगे आप, पढि़ए पूरी खबर… पीडि़त परिजनों का कहना था कि इससे अजय और युवती के बीच दूरी बनी रहेगी और वह घर के पास ही रहेगा तो अपनी बड़ी दीदी जोकि मानसिक रूप से अस्वस्थ है उसकी देखभाल करता रहेगा। इसके बाद करीब चार माह पहले अजय को घरघोड़ा थाने में अटैच किया गया था।
कुछ ही माह में घरघोड़ा थाने के भी अधिकारी से लेकर पुलिस कर्मचारी तक को आरक्षक के प्यार के बारे में पता चल गया था। 13 जून की रात आरक्षक थाने के ऊपर बने बैरक जहां जवान रहते हैं वहां था। रात करीब 10 बजे अन्य आरक्षकों ने देखा कि अजय के मुंह से झाग निकल रहा है। इसके बाद सहयोगी पुलिसकर्मी (Policemen) उसे तत्काल घरघोड़ा अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने अजय को मृत घोषित कर दिया।
अंतिम संस्कार में पहुंचे अधिकारी
घटना के दूसरे दिन मृतक के अंतिम संस्कार (Funeral) में घरघोड़ा टीआई चमन सिन्हा, धरमजयगढ़ एसडीओपी अर्जुन कुर्रे व थाना स्टाफ बड़ी संख्या में मृतक के घर चारमार गए थे। जहां पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी पीडि़त परिजनों को ढांढस बंधाते हुए गांव के ही मुक्तिधाम पहुंचकर मृतक के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस दौरान मृतक के परिजनों के अलावा पुलिस जवानों की आखें भी नम हो गई थीं।