क्लोरिन गोली खरीदी घोटाला : आरोपियों पर लटक रही निलंबन की तलवार
रायगढ़Published: Jul 21, 2017 04:12:00 pm
नगर निगम में क्लोरिन गोली खरीदी के नाम पर किए गए घोटाले के आरोपियों पर अब मुश्किलें बढऩे वाली है। इस मामले में अब निगम के द्वारा भी विभागीय कार्रवाई होने वाली है।
Swords of suspended suspension hanging on accused
रायगढ़. नगर निगम में क्लोरिन गोली खरीदी के नाम पर किए गए घोटाले के आरोपियों पर अब मुश्किलें बढऩे वाली है। इस मामले में अब निगम के द्वारा भी विभागीय कार्रवाई होने वाली है।
जल्द ही निगम के घोटालेबाज आरोपियों पर निलंबन की गाज गिराई जाएगी। मौजूदा समय में इस मामले के दो आरोपी तो जेल में है। वहीं तात्कालीन आयुक्त सहित तीन अन्य लंबे समय से फरार चल रहे हैं।
नगर निगम में डेढ़ साल पहले एक के बाद एक आधा दर्जन से अधिक घोटाले उजागर हुए। इन घोटाले में एक घोटाला क्लोरिन गोली खरीदी भी है। मामला उजागर होने के बाद तात्कालीन डिप्टी कलेक्टर एनआर साहू की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने मामला भी दर्ज किया।
इस मामले में तात्कालीन आयुक्त प्रमोद शुक्ला, एई एसएन अगरिया, तात्कालीन एकाउंटेंड अनिल वैध, फीटर त्रिलोक चंद शर्मा, वाहन विभाग प्रभारी खूबचंद चौधरी व प्रमोद जोगी को आरोपी बनाया गया। इन आरोपियों के द्वारा अग्रिम जमानत की याचिका भी लगाई गई, लेकिन न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, तब से ये सभी आरोपी फरार चल रहे थे।
कुछ समय पहले पुलिस ने एई एसएन अगरिया को उनके गृहग्राम से गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं इसके बाद प्रमोद जोगी ने न्यायालय में सरेंडर किया। न्यायालय में सरेंडर करने के बाद प्रमोद जोगी को भी जेल भेज दिया गया, लेकिन शेष आरोपी फरार है। ऐसे में निगम के द्वारा अब फरार आरोपियों पर विभागीय कार्रवाई शुरू की जा रही है। बताया जा रहा है कि इन फरार आरोपियों को निलंबित करने की तैयारी शुरू हो गई है। जल्द ही इस मामले का आदेश भी जारी होगा।
नोटिस के बाद भी नहीं हुए उपस्थित- न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से ये आरोपी फरार हैं। ऐसे में निगम के द्वारा फरार आरोपियों में पूर्व एकांटेंट अनिल वैध, फीटर त्रिलोक चंद शर्मा, वाहन विभाग प्रभारी खूबचंद चौधरी के साथ प्रमोद जोगी को भी कार्यालय में उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया, लेकिन कई नोटिस के बाद भी आरोपी उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में संबंधितों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
ये हैं निगम में घोटाले के मामले
* जीआई पाइप फिटिंग व खरीदी में गड़बड़ी।
* हैंडपंप एवं स्पेयर पार्ट्स खरीदी में गड़बड़ी।
* बारबेड वायर व आरसीसी पोल खरीदी में गड़बड़ी।
* क्लोरिन टेबलेट खरीदी में गड़बड़ी।
* कंटेनर खरीदी में गड़बड़ी।
* दैनिक वेतन भोगियों के नियमितिकरण में गड़बड़ी।
* पदोन्नति की कार्रवाई में व्यापक अनियमितता।
* ईडब्ल्यूएस की भूमि आवंटन में गड़बड़ी।
* शापिंग कॉम्ल्पेक्स अपात्रों को दुकान आवंटन कर की गड़बड़ी।