संघ के इस फैसले पर शिक्षकों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए नाराजगी जाहिर की। वहीं संघ के बुलावे पर अब धरना, प्रदर्शन व हड़ताल में शामिल नहीं होने की बात भी कह रहे हैं।
सोमवार की शाम रायगढ़ के 4 शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने के फैसले के बाद शिक्षाकर्मियों के बीच हड़कंप की स्थिति देखी गई। पर ब्लॉक स्तर के कुछ गुरुजी ऐसे भी थे। जो अपनी मांगों को पूरा करने व सरकार पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को रायपुर जाने की तैयारी में थे। शिक्षकों को एक बड़े झुंड ने मंगलवार की सुबह रायपुर जाने वाले थे। जिसके लिए सोमवार की शाम रेल टिकटों की बुकिंग भी कराई गई थी। जिससे रायपुर गए हड़ताली गुरुजी के साथ आवाज को बुलंद किया जा सके। पर उक्त शिक्षकों की सारी तैयारी उस समय धरी की धरी रह गई।
जब देर रात हड़ताल खत्म कर स्कूल लौटने का संदेश, संघ के पदाधिकारियों ने दिया। इस बात को लेकर मंगलवार की सुबह रायपुर जाने वाले शिक्षकों के बीच काफी नाराजगी देखी जा रही है। वहीं बातों ही बातों में वे संघ के पदाधिकारी को भी कोस रहे हैं।
इधर सोशल मीडिया में संघ के पदाधिकारियों की अलग फजीहत हो रही है। नाराज शिक्षाकर्मियों की माने तो जब हड़ताल से ऐसे ही वापिस होना था तो 15 दिनों तक ब्लॉक, जिला व राजधानी रायपुर में हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन करने का क्या औचित्य था। इस बात पर संघ के पदाधिकारियों को मंथन व चिंतन करने की दरकार है। वहीं सोमवार को हुए रेल टिकट को मंगलवार की सुबह रद्द कराने की बात भी कही जा रही है।
अब हड़ताल, विरोध प्रदर्शन में नहीं होंगे शामिल– शिक्षक संघ के हड़ताल वापस लेने के फैसला काफी हैरान करनेे वाला हैं। जिसका विरोध खुद शिक्षाकर्मी कर रहे हैं। इस बात का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि वहीं नाराज गुरुजी अब शिक्षक संघ के धरना,
प्रदर्शन व हड़ताल को लेकर बुलाए पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराने की बात कह रहे हैंं। वहीं प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से समर्थन नहीं देने की दलील भी पेश कर रहे हैं। हलांकि इस बात को शिक्षक, अपनी व्यक्तिगत राय का नाम दे रहे हैं।