scriptTechnical fault seen in Gem portal, even tender was not called | जेम पोर्टल में दिखा तकनिकी खराबी तो नहीं बुलाया टेंडर भी | Patrika News

जेम पोर्टल में दिखा तकनिकी खराबी तो नहीं बुलाया टेंडर भी

locationरायगढ़Published: Jul 22, 2023 08:30:18 pm

रायपुर के निजी फर्म से किया गया खरीदी

जेम पोर्टल में दिखा तकनिकी खराबी तो नहीं बुलाया टेंडर भी
रायपुर के निजी फर्म से किया गया खरीदी
रायगढ़। सीएसआर मद से तहसीलों के लिए स्वीकृत कम्प्यूटर सेट के नाम पर स्वीकृत करीब ३० लाख रुपए की राशि से बिना नियम कानून का पालन किए क्रय कर लिया गया और जिला स्तर पर किसी अधिकारी ने इस पर आपत्ति भी नहीं किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएसआर मद के राशि का भी किस तरह से बंदरबाट किया गया होगा।
वर्ष २०२१ में भू-अभिलेख को जिले के तहसील कार्यालयों में कम्प्यूटर प्रदाय करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए पहले तो २२.८९ लाख रुपए स्वीकृत किया गया। इसके बाद खरीदी के लिए खेल शुरू हुआ। बताया जाता है कि क्रय समिति में दो डिप्टी कलेक्टर, एसएलआर के अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों की टीम बनी थी। उक्त टीम ने बिना जेम पोर्टल से व बिना टेंडर के कम्प्यूटर सेंट की खरदी रायपुर के क्लेरीयन आईटी प्राईवेट लिमिटेड से कर लिया। आश्चर्य की बात तो यह है कि कमेटी में इतने अधिकारियों में से किसी ने आपत्ति नहीं जताई और नियम कानून को ताक पर रखकर क्रय कर संबंधित फर्म को २२ लाख ८९ हजार रुपए का भुगतान भी ३० नग कम्प्यूटर, प्रींटर व यूपीएस के नाम पर कर दिया गया। पूर्व में इस मामले को विधानसभा में विधायक धर्मलाल कौशिक ने उठाया जिसके बाद इस मामले को लेकर जांच शुरू हुई, लेकिन उक्त जांच कछूए की चाल से चल रही है जिसके कारण अब तक न तो जांच पूरी हुई है न ही इस मामले में किसी पर कार्रवाई की गई है।
क्या है प्रावधान
५० हजार से अधिक राशि के कुछ भी सामग्री की खरीदी के लिए या तो जेम पोर्टल से क्रय करना है या फिर टेंडर आमंत्रित करने का प्रावधान है, ताकि कम से कम दर पर सामग्री उपलब्ध हो सके और शासन को लाभ मिले। लेकिन यहां तो इन नियमों के विपरित कार्य किया गया।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों की माने तो तहसीलों में जो कम्प्यूटर सेट प्रदाय किया गया है उसकी क्रय की गई कीमत करीब ७६ हजार ३०० पर सेट की आ रही है बाजार में इससे कम दर पर उक्त पूरी सामग्री उपलब्ध हो सकती थी।
वर्सन
विधानसभा में सवाल उठा था जिसका जवाब पूर्व में भेजा गया है। इसमें और क्या हुआ है मुझे कोई जानकारी नहीं है।
शिव पटेल, अधीक्षक, भू-अभिलेख
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