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कोर्ट और आयुक्त के आदेश को रद्दी की टोकरी में डाला सहायक आयुक्त ने

locationरायगढ़Published: May 12, 2023 07:46:04 pm

उल्टे एक का रोक दिया वेतन तो दूसरे के लिए निकाला अलग आदेश

कोर्ट और आयुक्त के आदेश को रद्दी की टोकरी में डाला सहायक आयुक्त ने
उल्टे एक का रोक दिया वेतन तो दूसरे के लिए निकाला अलग आदेश
रायगढ़। आदिवासी विकास विभाग में एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों शिकायतों का पुलिंदा के बाद अब तो सहायक आयुक्त ने कोर्ट के स्टे आर्डर और आयुक्त के आदेश को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया है।
आदिवासी विकास विभाग क्या चल रहा है किसी को नहीं पता। अदालत के आदेश पर आयुक्त ने दो अधीक्षिकाओं को फिर से वहीं पदस्थ करने का आदेश दिया था लेकिन सहायक आयुक्त अविनाश श्रीवास ने इसके विपिरित कार्य किया। यही नहीं उन्होंने दिसंबर से उनका वेतन भी रोक दिया है। अदालत के आदेश, आयुक्त से लिखित आदेश के बाद भी अधीक्षिका को अपना हक पाने कलेक्टर के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।
सहायक आयुक्त आजाक अविनाश श्रीवास ने 9 नवंबर 2022 को प्री मैट्रिक अजा कन्या छात्रावास पुसौर की अधीक्षिका पूर्ति रात्रे को पोस्ट मैट्रिक कर्मचारी पुत्री कन्या छात्रावास रायगढ़ अधीक्षिका अजीत कुमारी बेक के स्थान पर और मनीषा चौहान प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास भडि़सार को शांति चौहान पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास रायगढ़ के स्थान पर पदस्थ किया था। दोनों के प्रभार लेने के लिए सहायक आयुक्त ने तरह-तरह से प्रताडि़त किया। एकतरफा प्रभार दिलाने के लिए समिति का गठन भी किया गया था। समिति ने एकतरफा ज्वाइनिंग भी कराई गई। अजीत कुमारी बेक और शांति चौहान को शिक्षा विभाग में वापस पदस्थ करने के लिए आदेश भी जारी कर दिया गया। दोनों ने इसके विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील की। अदालत ने स्टे दिया। अदालत के आदेश पर शम्मी आबिदी आयुक्त आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग ने आदेश दिया कि बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के दोनों अधीक्षिकाओं की सेवाएं शिक्षा विभाग को सौंपने का आदेश जारी कर दिया गया जो नियम विरुद्ध था। इसलिए शांति चौहान को पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास रायगढ़ और अजीत कुमारी बेक को पोस्ट मैट्रिक कर्मचारी पुत्री कन्या छात्रावास रायगढ़ पदस्थ किया जाए। लेकिन सहायक आयुक्त ने एक महीने से भी ज्यादा समय गुजरने के बावजूद दोनों को प्रभार नहीं दिया है और अब परेशान करने के लिए वेतन भी रोक दिया है। जिसको लेकर अधीक्षिका ने वापस कलेक्टर से गुहार लगाई है।
शिकायत में लगाया आरोप
अजीत कुमारी बेक ने कलेक्टर को इस मामले में शिकायत की है। शिकायत में बताया है कि आयुक्त से आदेश होने के बावजूद सहायक आयुक्त ने प्रभार देने से इंकार कर दिया है। पूर्ति रात्रे को बैंक से भोजन सहायता राशि आहरण के लिए भी अधिकार दिए गए हैं जबकि उनको तो दूसरे छात्रावास में पदस्थ करना था। अदालत से स्टे मिलने के बावजूद दफ्तर बुलाकर किसी अन्य छात्रावास में पदस्थ करने के एवज में एक लाख रुपए की मांग की गई। रजिस्ट्री पत्र को भी वापस कर दिया गया। इससे पहले जून 2022 में भी अधीक्षिका बने रहने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग एक बाबू ने की थी।
आयुक्त के आदेश के बाद भी निकाला फरमान
आयुक्त शम्मी आबिदी ने अजीत कुमारी बेक को पुन: पोस्ट मैट्रिक कर्मचारी पुत्री कन्या छात्रावास रायगढ़ में पदस्थ करने का आदेश दिया गया। लेकिन 13 अप्रैल को ही प्रभारी सहायक आयुक्त ने एक आदेश निकाला। इसमें लिखा गया है कि पूर्ति रात्रे द्वारा अजीत कुमारी को छात्रावास का प्रभार दिया जाएगा। इसके बाद पूर्ति रात्रे को सहायक आयुक्त कार्यालय में उपस्थिति देनी होगी। लेकिन श्रीमती रात्रे तो अब भी वहीं जमी हुई हैं।
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