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रायगढ़

हुआ बुराई का अंत, हर्ष और उमंग के साथ मनाया गया विजयादशमी पर्व, अलग-अलग जगह हुआ रावण दहन

शोभायात्रा नगर भ्रमण करने के बाद वापस रामलीला मैदान पहुंची

रायगढ़Oct 20, 2018 / 05:28 pm

JYANT KUMAR SINGH

शोभायात्रा नगर भ्रमण करने के बाद वापस रामलीला मैदान पहुंची

शोभायात्रा नगर भ्रमण करने के बाद वापस रामलीला मैदान पहुंची

रायगढ़. असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाले विजयादशमी के त्यौहार पर शुक्रवार को रामलीला मैदान से भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा नगर भ्रमण करने के बाद वापस रामलीला मैदान पहुंची और वहां राम और रावण युद्ध का मंचन किया गया
इसके बाद रावण का पुतला दहन किया गया। वहीं नटवर स्कूल मैदान और मिनी स्टेडियम में भी रामलीला का आयोजन करते हुए रावण दहन किया गया। इस दौरान वहां भारी संख्या में लोगों की भीड़ लगी रही।

विजयादशमी के दिन लोगों ने सुबह से ही एक दूसरे को बधाई देने की शुरुआत कर दी थी। घरों में भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करते हुए अच्छे पकवान बनाए गए थे वहीं शाम के समय लोग पूरी तरह से सजधज कर रावण दहन का कार्यक्रम देखने के लिए रामलीला मैदान, नटवर स्कूल मैदान और मिनी स्टेडियम पहुंचे। शहर में जगह-जगह रावण दहन को लेकर तोरण द्वारा सजाए गए थे।

रामलीला मैदान में रावण दहन कार्यक्रम के पूर्व दस दिनों से चल रही रामलीला के तहत एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। शोभा यात्रा की शुरुआत रामलीला मैदान से की गई। इस यात्रा में आकर्षक झांकी भी निकाली गई जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण, सहित हनुमान और वानर सेना का वेष धारण किए लोग शामिल थे। यह शोभायात्रा शहर के रामलीला मेदान से निकलकर सत्तीगुड़ी चौक होते हुए,
गांधी प्रतिमा चौक, हंडी चौक होते हुए वापस रामलीला मैदान पहुंची। वहीं नटवर स्कूल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे विशिष्ट अतिथियों ने लोगों को दशहरा के महत्व को बताते हुए असत्य पर सत्य की विजय का संदेश दिया।


अंतिम प्रसंग का मंचन
राम की शोभा यात्रा के वापस रामलीला मैदान पहुंचने के बाद रामलीला के अंतिम प्रसंग का मंचन किया गया। इसके बाद रावण का दहन किया गया। इस दौरान मैदान में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। मैदान में पूरी तरह से मेले जैसा माहौल था। चाट, पकौड़े, मूंगफली, बैलून, खिलौने सहित अन्य ठेले इस मैदान में शाम से ही सज गए थे।


50 फुट के रावण दहन
मिनी स्टेडियम में रावण दहन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हुई। यहां लगभग 50 फिट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। इस कार्यक्रम रायगढ़ विधायक रोशन लाल अग्रवाल की विशेष उपस्थिति में आयोजित हुआ। इसके अलावा नटवर स्कूल मैदान में भी रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।


पुलिस जवानों की रही विशेष तैनाती
असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक विजयादशमी पर्व पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी की थी। इस वर्ष नवरात्रि के दौरान जिला मुख्यालय तथा अन्य स्थानों पर सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। आचार संहिता के मद्दे नजर भी विशेष निगरानी व्यवस्था की गई थी, जिससे कि किसी भी प्रकार की चूक न होने पाए।


शस्त्रों की हुई विशेष पूजा-अर्चना
विजयादशमी के दिन चली आ रही परम्परा का निर्वाह करते हुये शुक्रवार सुबह 9.30 बजे रक्षित केंद्र उर्दना के नवीन रक्षित निरीक्षक प्रशासनिक भवन के प्रांगण में शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक झा सहित उपस्थित अफसरों ने मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से हथियारों की पूजा-अर्चना की। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरिश राठौर, सहित रक्षित केन्द्र एवं थाना चौकी के अधिकारी व कर्मचारीगण मौजूद थे। सर्वप्रथम रक्षित केन्द्र के कोत में रखे आम्र्स, एम्युनेशन का विधि विधान से पूजन हुआ।

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सारंगढ़ में रियासत कालीन गढ़ विच्छेदन का हुआ आयोजन
विजयादशमी के अवसर पर सारंगढ़ का रियासतकालीन दशहरा जिला में काफी प्रसिद्ध है। शुक्रवार को विजयादशमी के दिन हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। यहां आयोजित होने वाले गढ़ विच्छेदन कार्यक्रम का उत्साह जोरों पर था।


यह उत्सव लगभग 200 वर्ष पुराना उत्सव है। दशहरा के दिन पूरे क्षेत्र की जनता खेलभांटा मैदान के पास गढ़ विच्छेदन कार्यक्रम को देखने के लिये उपस्थित होती है। दरअसल गढ़ एक मिटटी का टिला होता है जिसकी उचाई लगभग 40-45 फीट की होती है।

यह टिला मोटा व्यास से उपर की ओर पतला होते जाता है बेस लेबल पर इसकी मोटाई की व्यास लगभग 30 फीट हो जाती है, जबकि टाप मे इसकी मोटाई का व्यास 3 फीट होता है। इस टीले के सामने की ओर नीचे मे एक गड्ढानुमा तालाब है और साइड लाइन खिंची हुई है।

गढ़ विच्छेदन में इस टीले में सामने की ओर से प्रतियोगी साइड लाइन के सहारे गढ़ के ऊपर जाने का प्रयास करते हैं। वह सभी अपने हाथों मे नुकीला लोहे का कीत पकडे रहते हैं जिससे गढ़ को खोदकर उसमे पैर रखने तथा हाथ रखने की जगह बनाई जाती है। वहीं गढ़ के ऊपर तैनात सुरक्षाकर्मियो से दो-दो हाथ कर गढ़ पर विजय पाने का प्राप्त करते है। शुक्रवार को देर शाम गढ़ विच्चेदन में दर्जन भर से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और गढ़ विच्छेद कर विजय प्राप्त करने का दौर चलता रहा। कार्यक्रम के अंत में विजयी प्रतिभागी को पुरस्कृत भी किया जाता है।

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