सचिव के पत्र को किया नजर अंदाज, शिशु स्वागत पालना केंद्र स्थापित करने स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दिखाई रुचि
2-3 बार भेज चुके हैं रिमाईंडर

रायगढ़. जान-अनजाने में नवजात बच्चों का सड़क व अन्य स्थानों से फेंकने से बचाने का ेलेकर जिले में के्रडल बेबी रिशेप्सन सेंटर (शिशु स्वागत पालना केंद्र) की सभी अस्पताल व अन्य स्थानों पर स्थापना करना थी।
पर सचिव के पत्र के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से अब तक यह योजना ठंडे बस्ते मेंं हैं। खास बात तो यह है कि बच्चों के अधिकार व उनके संरक्षण को लेकर 2-3 बार स्वास्थ्य विभाग को रिमाईंडर भी भेजा जा चुका है। पर उनकी ओर से इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
बच्चों के अधिकार व संरक्षण को लेकर जिले के सभी शासकीय, निजी अस्पतालों के अलावा सुधार गृह व अन्य स्थानों पर के्रडल बेबी रिशेप्सन सेंटर (शिशु स्वागत पालना केंद्र) की स्थापना करनी थी। विभागीय सचिव का यह पत्र कलक्टर के माध्यम से इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई थी। पर स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में कोई रूचि नहीं दिखाई।
जिसकी वजह से शिशु स्वागत पालना केंद्र का योजना, ठंडे बस्ते में चली गई। हलांकि महिला बाल विकास विभाग ने सचिव के इस पत्र के मिलने के बाद सखी सेंटर व उन्नायक सेवा समिति के बाहर एक-एक शिशु स्वागत पालना केंद्र से जुड़े झूले का ेलगाया है। पर स्वास्थ्य विभाग ने इस विषय पर अब तक कोई पहल नहीं की।
खास बात तो यह है कि के्रडल बेबी रिशेप्सन सेंटर को स्थ्ज्ञापित करने के लिए विभाग से 2-3 बार रिमाइंडर भी भेजा जा चुका है। पर संबंधित अधिकारी ने अब तक इसपर संज्ञान नहीं लिया है। जिसकी वजह से जिले को प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा निजी अस्पतालों के बाहर उक्त झूले नजर नहीं आ रहे हैंं।
इस वर्ष झूले में मिले थे दो बच्चों
सचिव के पत्र के बाद महिला बाल विकास विभाग ने इसपर पहल करते हुए सखी सेंटर के बाहर के्रडल बेबी रिशेप्सन सेंटर को स्थापित किया। जिसका असर भी देखने को मिला। वर्ष 2018 के इस साढ़े 4 माह की अवधि में दो मासूम को सड़क पर फेंकने से रोकने में मदद मिली। परिजनों द्वारा रात के अंधेरे में उक्त बच्चों को सखी सेंटर के बाहर लेग झूले में रख कर चलते बने। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर उसकी देख-रेख की पहल की गई है।
नवजात की जान खतरे में
सचिव के पत्र में के्रडल बेबी रिशेप्सन सेंटर के स्थापना के पीछे की वजहों का भी स्पश्ट उल्लेख किया गया है। आदेश की कॉपी में इस बात की जिक्र है कि शिशु स्वागत पालना केेंद्र के अभाव में नवजात शिशुओं को सड़क किनारे व अन्य अवांक्षित स्थानों पर फेंक दिया जाता है। जिससे उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है। इस झूले की मदद से ऐसे बच्चों को बचाने के साथ उनका समुचित देखभाल करना का उद्देश्य है।
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